देश के 155 बड़े जलाशयों में कुल क्षमता का 47% पानी - सेंट्रल वाटर कमीशन रिपोर्ट

मानसून सीजन आमतौर पर 1 जून के आसपास शुरू होता है और पूरे देश को कवर करने में मानसून को कुछ हफ्ते लगते हैं. ऐसे में विशेषकर उत्तरी भारत के राज्यों में बड़े जलाशयों में स्टोरेज लेवल में कमी पर सरकार को कड़ी नजर रखनी होगी.

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नई दिल्ली:

सेंट्रल वाटर कमीशन ने देश के 155 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 13 मार्च, 2025 तक देश के बड़े जलाशयों में उनकी कुल क्षमता का 47% पानी जमा है.

सेंट्रल वाटर कमीशन के मुताबिक 13 मार्च, 2025 तक पिछले साल के मुकाबले 155 बड़े जलाशयों में 19 फ़ीसदी ज़्यादा स्टोरेज लेवल रिकॉर्ड किया गया है. अगर हम इन बड़े जलाशयों में पिछले कुछ साल का औसत स्टोरेज लेवल देखें तो पिछले हफ्ते तक इन बड़े जलाशयों में स्टोरेज लेवल औसत से 16 फ़ीसदी ज़्यादा है.

हालांकि चिंता उत्तर भारत में बड़े जलाशयों में स्टोरेज लेवल को लेकर है. उत्तरी क्षेत्र में विशेष कर पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सेंट्रल वॉटर कमिशन 11 बड़े जलाशयों की मॉनिटरिंग करती है. इनमें इस साल 13 मार्च तक स्टोरेज लेवल उनकी क्षमता का 27% रहा जो पिछले साल 35% था. अब तक उत्तरी भारत के बड़े जलाशयों में औसत से भी कम पानी बचा है.

पूर्वी भारत में विशेषकर असम, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में सेंट्रल वॉटर कमीशन 25 बड़े जलाशयों की मॉनिटरिंग करती है. इस साल 13 मार्च तक इन बड़े जलाशयों में जो स्टोरेज लेवल है, वह 46% रिकॉर्ड किया गया है जो पिछले साल 13 मार्च को 51% था. इस साल पूर्वी भारत के 25 बड़े जलाशयों में वाटर स्टोरेज लेवल औसत से भी कम रिकॉर्ड किया गया है.

हालांकि अच्छी बात यह है कि पश्चिमी भारत, दक्षिण भारत और मध्य भारत के बड़े जलाशयों में पिछले हफ्ते तक औसत से अधिक स्टोरेज लेवल रिकॉर्ड किया गया है.

दक्षिण पश्चिम मानसून सीजन आमतौर पर 1 जून के आसपास शुरू होता है और पूरे देश को कवर करने में मानसून को कुछ हफ्ते लगते हैं. ऐसे में विशेषकर उत्तरी भारत के राज्यों में बड़े जलाशयों में स्टोरेज लेवल में कमी पर सरकार को कड़ी नजर रखनी होगी.

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