"महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस", केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मामला सामने आने के बाद से वह लगातार घटनाक्रम पर नजर रख रहा है. इस  मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच के दौरान 7 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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नई दिल्ली:

मणिपुर में दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और हिंसा के मामले को लेकर  केंद्र सरकार ने  सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. केंद्र ने कहा है कि  महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की गई है. मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है बाकी की तलाश जारी है. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट से मामले के ट्रायल को मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने की गुहार भी लगाई गई है.

"7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है"

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मामला सामने आने के बाद से वह लगातार घटनाक्रम पर नजर रख रहा है. इस  मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच के दौरान 7 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पहचाने गए अपराधियों की गिरफ्तारी के  लिए कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर ऑपरेशन के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है. एक एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई है.इसके बाद, मणिपुर सरकार ने 26.07.2023 के पत्र के माध्यम से मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की है.अब आगे जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी जाएगी. 

महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति केंद्र सरकार का रुख जीरो टॉलरेंस का है.केंद्र सरकार मौजूदा अपराध जैसे अपराधों को बेहद जघन्य मानती है.इसे न केवल उस गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए बल्कि न्याय होते हुए भी दिखना चाहिए.ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के संबंध में पूरे देश में इसका निवारक प्रभाव हो.

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केद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दाखिल किया हलफनामा

केद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि  उपचारात्मक उपायों के रूप में,  राज्य सरकार ने अपने आदेश दिनांक 18 मई और 5 जुलाई, 2023 के माध्यम से विभिन्न राहत शिविरों में मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए जिला मनोवैज्ञानिक सहायता टीमों का गठन किया है. केंद्र सरकार आवश्यकतानुसार अपने चिकित्सा संस्थानों से विशेषज्ञों की सेवाएँ भी उपलब्ध कराएगी.जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को कानूनी सहायता भी उपलब्ध करायी गयी है.राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए पुनर्वास उपाय तैयार किए हैं, जिसमें एक प्रशिक्षित पेशेवर  परामर्श  करने वाला भी शामिल है.

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ऐसे मामलों की रोकथाम और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार ने, मौजूदा कंपनियों के अलावा, 3 मई 2023 से सीएपीएफ की अतिरिक्त कंपनियां उपलब्ध कराई है. स्थानीय पुलिस के अलावा सीएपी की 124 अतिरिक्त कंपनियां और सेना/असम राइफल्स की 185 टुकड़ियां वर्तमान में मणिपुर में तैनात हैं.सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में सभी सुरक्षा बलों और नागरिक प्रशासन के प्रतिनिधित्व वाली एक एकीकृत कमान स्थापित की गई है

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