"महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की..." : केंद्र सरकार का ममता बनर्जी पर पलटवार

केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के फास्‍ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) बनाने की मांग पर जवाब दिया है. केंद्र ने पलटवार करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल को 123 फास्‍ट ट्रैक कोर्ट का आवंटन किया गया था, लेकिन जून 2023 तक एक भी शुरू नहीं हुआ था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्‍ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर बलात्‍कार के मामलों के लिए फास्‍ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) बनाने की मांग की थी. इसे लेकर अब केंद्र सरकार ने उन्‍हें जवाब दिया है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी को पत्र लिखा है और फास्‍ट ट्रैक कोर्ट को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को आवंटित फास्‍ट ट्रैक कोर्ट के आंकड़ों के साथ घेरा है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी राज्य सरकार की है. राज्य सरकार, केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त कानूनी योजनाओं का लाभ उठाते हुए पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. 

ये भी पढ़ें : देश में रोजाना 90 रेप, 15 दिन के भीतर मिले कड़ी सजा : ममता बनर्जी का PM मोदी को खत

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि एक जुलाई से लागू भारतीय न्‍याय संहिता में महिलाओं के खिलाफ अपराध के विरुद्ध कड़े प्रावधान किए गए हैं. 

123 का आवंटन, जून 2023 तक एक भी शुरू नही : केंद्र  

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में फास्‍ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के मुद्दे पर लिखा है कि पॉक्सो के मामलों के जल्दी निपटारे के लिए अक्टूबर 2019 में एक योजना शुरू की गई थी. साथ ही उन्‍होंने बताया कि देश भर में तीस जून 2024 को 752 फास्‍ट ट्रैक कोर्ट काम कर रहे हैं. इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल को 123 फास्‍ट ट्रैक का आवंटन किया गया था, जिसमें से बीस पॉक्सो कोर्ट भी थीं. 

साथ ही अपने पत्र में उन्‍होंने लिखा है कि जून 2023 के मध्य तक इनमें से एक भी कोर्ट पश्चिम बंगाल में चालू नहीं हुआ. बाद में संशोधित लक्ष्‍यों के तहत पश्चिम बंगाल को सत्रह फास्‍ट ट्रैक कोर्ट का आवंटन किया गया, जिनमें से तीस जून 2024 को केवल छह पॉक्सो कोर्ट काम कर रहे हैं. 

बंगाल में रेप और पॉक्‍सो के 48 हजार मामले लंबित : केंद्र 

अन्‍नपूर्णा देवी ने कहा कि यह तब है जब पश्चिम बंगाल में बलात्कार और पॉक्सो के 48,600 मामले लंबित हैं और राज्य सरकार ने ग्यारह फास्‍ट ट्रैक कोर्ट को चालू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. साथ ही कहा कि मौजूदा कानूनी फ्रेमवर्क महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध रोकने में सक्षम है. 

Advertisement

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्‍टर के साथ रेप और मर्डर की वारदात ने देश को झकझोर कर दिया था, जिसके बाद से ही देश में महिलाओं और डॉक्‍टरों की सुरक्षा को लेकर लगातार मांग उठाई जा रही है. 

ये भी पढ़ें :

* क्या ममता सरकार के लिए 'सिंगूर' साबित होगा RG कर हॉस्पिटल, रेप-मर्डर कांड में कहां-कहां हुई चूक
* VIDEO: 'कम से कम हंसिए तो मत', कोलकाता रेप-मर्डर केस में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल से ऐसा क्यों बोले SG
* कोलकाता रेप-मर्डर केस: CBI बोली क्राइम सीन बदला गया, जज ने कहा- 30 सालों में ऐसा मामला नहीं देखा, 10 बड़ी बातें

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: CM बनने के चांस पर Prashant Kishor ने NDTV को क्या बताया? | Exclusive
Topics mentioned in this article