ऑपरेशन चक्र-5 के तहत CBI का बड़ा एक्शन, साइबर फ्रॉड सिंडिकेट्स के खिलाफ 7 राज्यों में छापेमारी, 3 गिरफ्तार

CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि ये म्यूल अकाउंट्स डिजिटल अरेस्ट स्कैम, फर्जी कॉल्स, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, जालसाज विज्ञापनों और आईटी एक्ट से जुड़े अन्य साइबर अपराधों से कमाए गए पैसों को ट्रांसफर और विदड्रॉ करने में इस्तेमाल किए जा रहे थे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

ऑपरेशन चक्र-V के तहत साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स के खिलाफ चल रहे अभियान में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आज एक और बड़ी कार्रवाई की. सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर समेत 7 राज्यों बिहार, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में कई ठिकानों पर छापेमारी की और तीन अहम आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

CBI की यह कार्रवाई म्यूल बैंक अकाउंट्स के नेटवर्क को खत्म करने के मकसद से की गई है, जो कि साइबर ठगी से कमाए गए पैसों को इधर-उधर करने और छिपाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे. छापेमारी के दौरान एजेंसी को बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, बैंक खाते खोलने से जुड़ी फर्जी दस्तावेज, ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड और केवाईसी पेपर्स मिले हैं.

पहले भी हुई थी कार्रवाई,  अब नए इनपुट पर दोबारा छापेमारी
CBI ने 25 जून 2025 को इस मामले में 37 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इन पर IPC/BNS और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. जांच में पता चला कि ये लोग म्यूल अकाउंट होल्डर, मिडलमैन, एजेंट और कुछ बैंक कर्मचारी हैं, जो साइबर अपराधियों के साथ मिलकर फर्जी अकाउंट खोलते थे और साइबर फ्रॉड से मिले पैसों को इन खातों के जरिए घुमाते थे.

Advertisement

इससे पहले 26 और 27 जून को CBI ने देशभर के 40 ठिकानों पर छापेमारी कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

Advertisement

किन-किन तरीकों से हो रही थी ठगी
CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि ये म्यूल अकाउंट्स डिजिटल अरेस्ट स्कैम, फर्जी कॉल्स, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, जालसाज विज्ञापनों और आईटी एक्ट से जुड़े अन्य साइबर अपराधों से कमाए गए पैसों को ट्रांसफर और विदड्रॉ करने में इस्तेमाल किए जा रहे थे.

Advertisement

साइबर क्राइम के खिलाफ सीबीआई की तीन-स्तरीय रणनीति

CBI ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए तीन अहम स्तंभों पर आधारित रणनीति अपनाई है

1. वित्तीय ढांचा: म्यूल अकाउंट्स, अनऑथराइज्ड पेमेंट गेटवे और फिनटेक प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग

2. संचार ढांचा: फर्जी सिम कार्ड, PoS एजेंट्स और अवैध सिम नेटवर्क

3. ह्यूमन नेटवर्क: लोगों को लालच देकर या धोखे से साइबर क्राइम में झोंकने वाले संगठित गैंग, जिसे 'साइबर स्लेवरी' भी कहा जा रहा है। ये नेटवर्क ज़्यादातर देश के बाहर से ऑपरेट होते हैं।

Advertisement

सरकार का संदेश साफ... साइबर अपराध बर्दाश्त नहीं
सरकार और CBI दोनों की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि साइबर अपराधों को अंजाम देने वालों के साथ-साथ इस नेटवर्क को सपोर्ट करने वाली पूरी संरचना को भी ध्वस्त किया जाएगा. गिरफ्तार किए गए आरोपियों को संबंधित अदालत में पेश किया जाएगा. 

Featured Video Of The Day
Changur Baba: 'सारे हिंदुओं का हिसाब किया जाएगा', छांगुर का कच्चा चिट्ठा | Manogya Loiwal