मध्य प्रदेश : मंत्री के बेटे के खिलाफ मारपीट के आरोप में मामला दर्ज, 4 पुलिसकर्मी निलंबित

मध्य प्रदेश के एक मंत्री के बेटे के खिलाफ रेस्तरां मालिक और उसकी पत्नी से मारपीट करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

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मंत्री के बेटे और उसके दोस्तों पर कथित तौर पर चार लोगों की पिटाई करने का मामला दर्ज.

मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) ने शनिवार रात भोपाल के शाहपुरा इलाके में झगड़े में पकड़े जाने के बाद राज्य के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि अभिज्ञान पटेल और उसके दोस्तों ने एक सड़क दुर्घटना के बाद हुए झगड़े के दौरान एक पत्रकार, एक रेस्तरां मालिक दंपति और उनके कर्मचारी पर हमला किया. शनिवार देर रात मंत्री पटेल अपने सहयोगियों के साथ शाहपुरा थाने पहुंचे. वहां अभिज्ञान और उसके दोस्तों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें प्रताड़ित किया.

इसके बाद, चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और जांच के आदेश दिए गए. पटेल सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री हैं. समझा जाता है कि अभिज्ञान अपने मंत्री पिता की ओर से राजकीय समारोहों में उपस्थित होता है. रेस्टोरेंट मालिक अलीशा सक्सेना ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह सब तब शुरू हुआ जब एक कार ने पत्रकार विवेक सिंह की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. जब विवेक सिंह ने कार चालक को आवाज देकर ठीक से गाड़ी चलाने को कहा. वैसे ही, अभिज्ञान और उसके दोस्त कार से बाहर निकले और कथित तौर पर पत्रकार की पिटाई की.

हालांकि सक्सेना ने हस्तक्षेप किया और अभिज्ञान ने कथित तौर पर रॉड से उनकी पिटाई की. उन्होंने कहा कि जब उनके पति और उनके एक कर्मचारी उन्हें बचाने के लिए दौड़े तो उन्हें पीटा गया. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी देने समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने मंत्री के बेटे की शिकायत पर सक्सेना और अन्य के खिलाफ जवाबी एफआईआर दर्ज की है, जिन्होंने उन पर मारपीट का आरोप लगाया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मयूर खंडेलवाल ने कहा कि इसमें शामिल लोगों की मेडिकल जांच की गई है और आगे की जांच जारी है. निलंबित पुलिसकर्मियों पर उन्होंने कहा कि जांच जारी है और निष्कर्ष के अनुसार आगे कदम उठाए जाएंगे.

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इस घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अराजकता है. पुलिस ने पत्रकार की मारपीट की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की. महिला के सिर पर छह टांके लगे, धारा 307 (हत्या का प्रयास) लगाई जानी चाहिए थी. एसएसपी को यह भी नहीं पता कि चार पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है," निलंबित कर दिया गया है, लेकिन यह अखबारों की हेडलाइन है. पुलिस कर्मियों का मनोबल गिराना और अपराध को समर्थन देना इस सरकार की नीति बन गई है,'' 

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उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को संबोधित करते हुए कहा, "जब आपके मंत्रियों के परिवार के लोग लोगों को डराते हैं तो आप असहाय नजर आते हैं. कृपया ऐसी कार्रवाई करें कि लोगों को कानून पर भरोसा हो."

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