आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने गन्ना किसानों को सौगात दी है. सरकार ने गन्ने पर FRP यानी उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाकर 305 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि सरकार ने चीनी मिलों द्वारा देय गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य को मंजूरी दी है, यह गन्ना किसानों को चीनी सीजन 2022-23 से देय होगी. गन्ना किसानों के लिए अब तक का उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य 305 रुपये / क्विंटल स्वीकृत किया गया है. किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने पिछले आठ वर्षों में एफआरपी में 34 फीसदी से अधिक का इजाफा किया है.
इस फैसले से देश के 5 करोड़ गन्न किसान, उनके आश्रितों के साथ-साथ शुगर मिलों और इससे सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख वर्कर्स को फायदा होगा. गौरतलब है कि इससे पहले, केंद्र सरकार ने पिछले साल गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price या FRP) मूल्य में 5 रुपए की बढ़ोत्तरी का ऐलान किया था.
उत्तर प्रदेश, देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्यों में से एक है लेकिन चीनी मिलों की ओर से समय पर भुगतान न किया जाना बड़ी समस्या है. यूपी के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा है कि राज्य सरकार ऐसा तंत्र विकसित कर रही है जिससे किसानों को गन्ने का भुगतान 14 दिनों के बजाय 10 दिनों के भीतर किया जा सके. गन्ना विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों को भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाई है और दूसरी बार बनी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने 100 दिनों में 8,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 14,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. चौधरी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में गन्ना किसानों के लिए मुख्य फसल बन गया है. उन्होंने बताया कि इस साल, मिलों ने 35,000 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है और अब तक 29,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. (भाषा से भी इनपुट)
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