सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 'बुलडोजर जस्टिस' पर रोक लगाने का मामला, 2 सितंबर को सुनवाई

याचिका में कहा गया कि इसी साल मई में मध्यप्रदेश एक आरोपी के पिता की संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया गया,  वो भी घटना होने के कुछ घंटे के भीतर यानी कानूनी प्रक्रिया शुरू होने से पहले सरकार ने सजा भी दे दी.

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देशभर में 'बुलडोजर जस्टिस ' पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
नई दिल्ली:

'बुलडोजर जस्टिस' पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों के घरों पर सरकारों द्वारा बुलडोजर चलाने पर रोक की मांग की गई है. अर्जी में हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बुलडोजर चलाने की घटनाओं का हवाला दिया गया है. अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया गया है. वरिष्ठ वकील दुष्यतं दवे ने इस अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग की है. ये अर्जी जहांगीर पुरी मामले में ही वकील फरूख रशीद द्वारा दाखिल की गई है.

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इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट दो सितंबर को सुनवाई करेगा. जस्टिस बी आर गवई की बेंच के पास ये मामला पहुंचा है. अर्जी में कहा गया है कि समाज में हाशिए पर मौजूद लोगों खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमन चक्र चलाने और खौफजदा करने के मकसद से राज्य सरकारें उनके घर-संपत्ति पर बुलडोजर चलाने को बढ़ावा दे रही हैं. शासन और प्रशासन पीड़ितों को अपने बचाव के लिए कानूनी उपाय करने का मौका ही नहीं देते हैं, फौरन सजा देने के लिए बुलडोजर चलवा देते हैं. 

हाल ही में एमेनेस्टी इंटरनेशनल की इस साल फरवरी में जारी रिपोर्ट में अप्रैल 2022 से जून के बीच दिल्ली, असम, गुजरात, मध्यप्रदेश और यूपी में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद बुलडोजर चलवाकर 128 संपत्ति ढहा दी गई. याचिका में कहा गया कि इसी साल मई में मध्यप्रदेश एक आरोपी के पिता की संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया गया,  वो भी घटना होने के कुछ घंटे के भीतर यानी कानूनी प्रक्रिया शुरू होने से पहले सरकार ने सजा भी दे दी. ऐसे ही मुरादाबाद और बरेली में 22 और 26 जून को दो एफआईआर में नामजद आरोपियों की छह संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया.

याचिका में आगे कहा गया कि जून 2024 में मध्यप्रदेश के मंडला जिले में पशु तस्करी के आरोपियों की भी 12 संपत्ति बुलडोजर से जमींदोज कर दी गई . अगस्त 2024 में राजस्थान के उदयपुर जिले में प्रशासन और वन विभाग की टीम ने राशिद खान का घर गिरा दिया गया. राशिद के 15 वर्षीय बेटे पर स्कूल में अपने सहपाठी को चाकू से गोद देने का इल्जाम था. पीड़ित और आरोपी अलग-अलग धर्म के अनुयायी होने की वजह से सांप्रदायिक तनाव बढ़ा और हिंसक झड़प हुई. अगले ही दिन राशिद के घर पर बुलडोजर चल गया.

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