पश्चिम बंगाल में साधुओं के एक समूह पर भीड़ द्वारा हमला किये जाने के मुद्दे पर भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने हैं. घटना के वीडियो वायरल होने के बाद साधुओं पर हमले के सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों का कहना है कि गंगासागर जा रहे साधु रास्ता भटक गए थे, इसलिए उन्होंने महिलाओं के एक समूह रास्ता पूछा था. साधुओं को केवल राख में लिपटे हुए देखकर महिलाएं चौंक गईं और उन्होंने शोर मचा दिया, जिसके बाद भीड़ ने साधुओं पर हमला कर दिया.
अधिकारियों ने कहा कि वे मौके पर पहुंचे, साधुओं को बचाया और पश्चिम बंगाल के एक प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल गंगासागर तक उनकी आगे की यात्रा की व्यवस्था की. इस घटना के वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. साधुओं पर कथित हमले की कई भाजपा नेताओं ने निंदा की है.
पश्चिम बंगाल के हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, "पुरुलिया की घटना से आक्रोश! गंगासागर जा रहे साधुओं पर बेरहमी से हमला किया गया. टीएमसी की सत्ता में बिगड़ती सुरक्षा का चौंकाने वाला सबूत. ममता का शासन शाहजहां शेख जैसे आतंकवादियों को बचाता है, जबकि साधुओं को क्रूर हत्या का सामना करना पड़ता है. बंगाल में हिंदुओं के लिए यह एक गंभीर वास्तविकता."
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में साधुओं के एक समूह को कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीटे जाने के वायरल वीडियो पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "तुष्टिकरण की राजनीति ने ऐसा माहौल बनाया है. पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है.सवाल यह है कि ऐसी हिंदू विरोधी सोच क्यों है?"
पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे साधुओं को भीड़ से बचाकर पुलिस स्टेशन ले गए, जहां उन्होंने खाने के लिए कुछ दिया गया. इसके बाद साधुओं से पूछा गया कि क्या वे इस मामले को लेकर कोई शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं...? लेकिन साधुओं ने कोई शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने साधुओं को गंगासागर की ओर रवाना कर दिया.
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