सीएम का नाम तय करने छत्तीसगढ़ पहुंचे BJP पर्यवेक्षक, किसी भी वक्त हो सकता है ऐलान

पर्यवेक्षक -दुष्यंत गौतम, सर्बानंद सोनोवाल, और अरुण मुंडा - राज्य की राजधानी रायपुर में हैं, उनके साथ राज्य बीजेपी प्रमुख अरुण साव और राज्य प्रभारी ओम माथुर भी हैं.

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Next CM of Chhattisgarh: बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक राज्य में मुख्यमंत्री की नियुक्ति को अंतिम रूप देने के लिए छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं, जहां पार्टी हाल ही में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराकर सत्ता में आई है. पर्यवेक्षक -दुष्यंत गौतम, सर्बानंद सोनोवाल, और अरुण मुंडा - राज्य की राजधानी रायपुर में हैं, उनके साथ राज्य बीजेपी प्रमुख अरुण साव और राज्य प्रभारी ओम माथुर भी हैं.

जल्द खत्म हो सकता है सीएम के नाम को लेकर सस्पेंस

बीजेपी उन तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए तीन मुख्यमंत्रियों को चुनने के लिए हाई लेवल पर बैठकें कर रही है, जहां उसने हाल ही में चुनाव जीते हैं.बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके दिल्ली स्थित आवास पर कई नेता मिलने आ रहे हैं. बीजेपी के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की एक अहम बैठक भी रविवार को होने की संभावना है, जिसके बाद आखिरकार शीर्ष पद को लेकर सस्पेंस खत्म हो सकता है.

'फैसले का इंतजार कर रहे हैं'
समाचार एजेंसी पीटीआई से माथुर ने कहा, "हमारी पार्टी के पर्यवेक्षक आ रहे हैं और हम (आज की बैठक में) उनके द्वारा लिए गए फैसले का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नियुक्त करने का कोई "फॉर्मूला" नहीं है. बीजेपी के संसदीय बोर्ड द्वारा निर्धारित एक प्रणाली है जिसका पालन किया जाएगा."

BJP ने जीती हैं 54 सीटें
छत्तीसगढ़ में BJP ने 90 में से 54 सीटें और कांग्रेस ने 35 सीटें जीतीं हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही. अटकलें तेज हैं कि अगर बीजेपी 2003 से 2018 तक तीन बार मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह को नहीं चुनती है तो वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या आदिवासी मुख्यमंत्री का चयन कर सकती है.

आदिवासी समुदाय से विष्णु देव, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम, लता उसेंडी और गोमती साय को दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. साव, जिन्होंने विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था और ओपी चौधरी, दोनों ओबीसी समुदाय से हैं, संभावित उम्मीदवारों में से हैं.

छत्तीसगढ़ में जो भी मुख्यमंत्री चुना जाएगा उसकी अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के अभियान में बड़ी भूमिका होगी. बीजेपी का लक्ष्य लोकसभा चुनाव में इस राज्य से कांग्रेस का सफाया करना है. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने राज्य की कुल 11 सीटों में से 9 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को केवल दो सीटें मिलीं.

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