उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत (BJP MP Mukesh Rajput) ने शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर शहर का नाम पांचाल नगर करने की मांग की है, जिससे प्राचीन भारतीय संस्कृति को पुनजीर्वित किया जा सके. हालांकि भाजपा सांसद ने अपनी मांग के धार्मिक आधार पर होने से इनकार किया और कहा कि यह सिर्फ एतिहासिक तथ्यों पर आधारित है. अपने पत्र में एतिहासिक पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि तीन नदियों गंगा, रामगंगा और काली नदी के बीच बसे शहर का इतिहास बेहद प्राचीन काल से ही बेहद समृद्ध है.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "फर्रुखाबाद का संबंध महाभारत काल से है. यहां राजा द्रुपद की राजधानी थी और इसे पांचाल क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. द्रौपदी का 'स्वयंवर' भी यहीं पर हुआ था. साथ ही पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां पर एक मंदिर बनाया था और यह अब भी है. इसे पांचाल साम्राज्य की राजधानी के रूप में जाना जाता था. आज यहां पर दो प्रमुख रेजिमेंट हैं, राजपूत रेजिमेंट और सिखलाई रेजिमेंट."
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एएनआई से बात करते हुए सांसद ने इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखना स्वीकार किया है. साथ ही सांसद ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भारत की संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए शहर का नाम बदलकर पांचाल नगर करने की मांग की है.
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भाजपा सांसद ने कहा कि फर्रुखाबाद की स्थापना से पूर्व ही यहां पर कम्पिल, संकिसा, श्रृंगीरामपुर और शम्साबाद प्रसिद्ध थे. मुगल शासक फर्रुखसियार ने 1714 ईस्वी में भारत की एतिहासिक संस्कृति को नष्ट करने के लिए शहर का नाम फर्रुखाबाद रखा. इसलिए मैंने भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए फर्रुखाबाद का नाम बदलने और इसे पांचाल नगर करने की मांग करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. भाजपा सांसद ने कहा कि हम चाहते हैं कि नाम हमारी विरासत के अनुसार हो, जिससे लोगों को अच्छा लगे. उन्होंने कहा कि हमने सीएम से अनुरोध किया है कि नाम बदलकर पांचाल नगर या अपरा काशी किया जाए.
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उन्होंने कहा कि यह जगह हिंदू और जैन धर्म के लोगों के लिए पवित्र है. संकिसा में श्रीलंका, कंबोडिया, थाईलैंड, बर्मा और जापान सहित कई देशों के बौद्ध मठ हैं, जहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. काशी की तरह विभिन्न गलियों में 'शिवालय' होने के कारण इस शहर को अपरा काशी के नाम से भी जाना जाता है.
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