राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने कहा कि बीरभूम जिले में एक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की वजह से क्षेत्र में कम से कम आठ घरों में आग लगा दी गई, नतीजतन महिलाओं और नाबालिगों सहित आठ लोगों की मौत हो गई. आयोग महिलाओं सहित लोगों पर हो रही क्रूरता से बहुत परेशान है और उन क्षेत्रों में महिलाओं के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने के लिए अधिकारियों की ओर से चूक को गंभीरता से लिया है.
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इस तरह के संकट में महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित हैं, यह अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. मामले का संज्ञान लेते हुए, रेखा शर्मा ने पुलिस महानिदेशक, पश्चिम बंगाल को व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए लिखा है. साथ ही सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की है.
बीरभूम में हिंसा (Birbhum violence) भड़कने के बाद 8 लोगों को जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया. अब ये मामला कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) में पहुंच चुका है. जहां इस मामले पर दोपहर 2 बजे होगी सुनवाई होगी. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा की घटना में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया.
पश्चिम बंगाल में टीएमसी (TMC) नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो चुकी है. जिसके बाद इस मामले में गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है. पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट इलाके में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता बहादुर शेख की हत्या के बाद भीड़ ने कई घरों में आग लगा दी. जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई. भारतीय जनता पार्टी ने बीरभूम की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा की मांग कर डाली है.
इस बीच, पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय ने बताया कि मामले में अब तक 11 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. इससे पहले आज, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 3 पन्नों के पत्र में कहा कि इस हिंसा के पीछे एक राजनीतिक साजिश थी. "यह जघन्य अपराध के दोषियों को बचाने के लिए एक चाल है.
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