"रिहाई का अधिकार गुजरात सरकार को नहीं", बिलकिस बानो की वकील शोभा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

सजा पूरी होने से पहले हुई रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने में हुई देरी पर बिलकिस की वकील शोभा गुप्ता ने कहा कि इसकी वजह रिहाई दस्तावेज की अनुपलब्धता थी.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

बिलकिस बानो के दोषियों की समय से पहले रिहाई के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बिलकिस बानों की तरफ से दोषियों को फिर से जेल भेजने की मांग की अदालत से की गई. सजा पूरी होने से पहले हुई रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने में हुई देरी पर बिलकिस की वकील शोभा गुप्ता ने कहा कि इसकी वजह रिहाई दस्तावेज की अनुपलब्धता थी. वकील ने कहा कि रिहाई होने के बाद जब दोषियों का स्वागत सत्कार हुआ तब पता चला. फिर हमने ऑर्डर की कॉपी के लिए भागदौड़ की.सजा में छूट मिलने के बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली.

 शोभा गुप्ता ने कहा कि ऐसे संगीन अपराध ने तो सजा पूरी होने से पहले रिहाई होनी ही नहीं चाहिए.वैसे भी  मुकदमा महाराष्ट्र में सुना गया. सजा वहीं सुनाई गई तो सजा मे रियायत का अधिकार भी महाराष्ट्र सरकार का ही था. ऐसे गंभीर अपराधियों को ऐसी रियायत देकर सरकार समाज को क्या संदेश देना चाहती है? सरकार को ध्यान में रखना चाहिए कि दोषी करार देते  समय अदालत ने और क्या क्या टिप्पणियां और एहतियात बरतने को कहा था. क्योंकि इन दोषियों ने न केवल गर्भवती बिलकिस का रेप किया बल्कि उसकी तीन साल की मासूम बच्ची और सात लोगों का कत्ल भी किया था.

बिलकिस बानो की तरफ से कहा गया कि ऐसे अमानवीय कुकृत्य के लिए इनको और इन जैसे अपराधियों को सजा में कोई छूट नहीं मिलनी चाहिए चाहे जेल में उनका बर्ताव भी अच्छा क्यों ना रहा हो.इस बर्ताव से उनके जुर्म पर पर्दा नहीं डल सकता .इस मामले पर पीठ गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एक घंटे में अपनी दलीलें पूरी करने को कहा है. 

ये भी पढ़ें-:

 

Featured Video Of The Day
Christmas Celebration 2024: Jharkhand CM Hemant Soren पहुंचे Archbishop House, दी शुभकामनाएं
Topics mentioned in this article