ममता बनर्जी के इलेक्शन एजेंट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश पलट दी जमानत

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. इससे पहले 4 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदीग्राम चुनाव एजेंट एसके सुपियन की अग्रिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र में एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या की जांच सीबीआई कर रही है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की नंदीग्राम विधान सभा (Nandi gram Assembly) सीट पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के चुनाव एजेंट रहे एसके सुपियन (SK Supiyan) को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए सुपियन को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी है. चुनाव बाद हिंसा मामले में सुपियन को कई शर्तों के साथ अग्रिम जमानत मिली है.

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. इससे पहले 4 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदीग्राम चुनाव एजेंट एसके सुपियन की अग्रिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुपियन की ओर से कपिल सिब्बल और सीबीआई की ओर से ASG अमन लेखी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. 

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हालांकि, सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदीग्राम चुनाव एजेंट एसके सुपियन को चुनाव बाद हिंसा में हत्या के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने आदेश दिया था कि अगले आदेश तक मामले में सुपियन की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी.

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कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा सुपियन की याचिका को खारिज करने के आदेश के खिलाफ अपील याचिका पर सुप्रीम कोर्ट  सुनवाई कर रही थी. बता दें कि नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र में एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या की जांच सीबीआई कर रही है. 

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की मई 2021 में राज्य विधानसभा चुनावों में जीत के बाद हुई हिंसा के दौरान इस कार्यकर्ता की मौत हुई थी. 

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