कोरेगांव हिंसा मामला : जांच आयोग के सवालों का शरद पवार ने दिया जवाब, उद्धव और देवेंद्र फडणवीस को लेकर कही ये बात

1 जनवरी 2018 को पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी, जिसमे एक शख्स की मौत हुई थी. उस हिंसा की आंच पूरे महाराष्ट्र में फैल गई थी. इस मामले में बाद में जांच आयोग बैठाया गया था.

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जांच आयोग के सवालों का शरद पवार ने दिया जवाब
मुंबई:

राकांपा प्रमुख शरद पवार का आज भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में जांच आयोग ने बयान लिया. आयोग ने उनसे सवाल किया कि अगर कोई शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहा है और उसमें कोई असमाजिक तत्व आकर गड़बड़ी करता है तो ये किसकी जिम्मेदारी है ? इसके जवाब में शरद पवार ने कहा कि ये पुलिस की जिम्मेदारी है कि कानून व्यवस्था बनी रहे. असामाजिक तत्व शांति भंग नहीं कर पाए, इसके लिए पुलिस को सभी सुरक्षा उपाय करने जरूरी हैं. 

एक अन्य घटना के संदर्भ में आयोग ने उनसे पूछा कि 3 जनवरी 2018 को प्रकाश अंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद बुलाया था. तब दंगे होने से सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था. उसके लिए कौन जिम्मेदार ठहराना चाहिए ? इस पर पवार ने कहा कि मैं किसी भी विशेष घटना पर अपनी राय नहीं दे सकता, मामला भी न्यायाधीन है. 

क्या जांच आयोग को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में जांच या सुझाव के लिए उद्धव ठाकरे, देवेंद्र फडणवीस और प्रकाश अंबेडकर को बुलाया जाना चाहिए? इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि आयोग अपनी जांच के लिए स्वतंत्र है. अगर आयोग लगता है कि भविष्य में इस तरह के दंगे जैसी स्थिति रोकने में सुझाव मिल सकता है,  तो किसी को भी समन कर सकता है. 

दरअसल, 1 जनवरी 2018 को पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी, जिसमे एक शख्स की मौत हुई थी. उस हिंसा की आंच पूरे महाराष्ट्र में फैल गई थी. तब मीडिया से बात करते पवार ने हिंसा में कथित हिंदू संगठनों का हाथ होने का दावा किया था और तत्कालीन सरकार की असफलता पर सवाल उठाया था. बाद में जांच आयोग बैठाया गया. कोलकाता के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे एन पटेल और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मलिक  आयोग के सदस्य हैं. 

पवार के बयान के बाद सागर शिंदे नामक सामाजिक कार्यकर्ता ने शरद पवार को बुलाए जाने की अर्जी दी थी. आयोग अब तक पहले भी बयान के लिए बुला चुका था लेकिन तब शरद पवार ने हलफनामा पेश कर के लिए वक्त मांगा था. पवार अब तक दो हलफनामा दे चुके हैं और उन्होंने उसमें ये भी बताया है कि उसके पीछे कौन था उन्हें ये नही पता है और उन्हें किसी पर आरोप भी नही करना है. लेकिन हलफनामे में उन्होंने  कई सुझाव दिए हैं जिसमे आईपीसी की धारा 124 A के दुरुपयोग की बात भी लिखी है. 

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