भीमा कोरेगांव हिंसा मामला : पी वरवर राव की जमानत याचिका पर 19 जुलाई को होगी सुनवाई

अब पी वरवर राव द्वारा दायर जमानत याचिका पर अब 19 जुलाई को होगी सुनवाई. इसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कोर्ट ने स्थायी मेडिकल जमानत देने से इनकार कर दिया था.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई...
नई दिल्ली:

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में तेलुगू कवि और भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद के आरोपी राव को मिली अंतरिम मेडिकल जमानत अगले आदेश तक बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई टाली. पी वरवर राव द्वारा दायर जमानत याचिका पर अब 19 जुलाई को होगी सुनवाई. इसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कोर्ट ने स्थायी मेडिकल जमानत देने से इनकार कर दिया था.

13 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें तेलंगाना में अपने घर पर रहने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए अस्थायी जमानत की अवधि तीन महीने बढ़ा दी थी और ट्रायल में तेजी लाने के निर्देश जारी किए थे. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपराध की गंभीरता और गंभीरता तब तक बनी रहेगी जब तक कि आरोपी को उसके द्वारा किए गए कथित अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया जाता. वरवर राव वर्तमान में मेडिकल आधार पर जमानत पर हैं.

उन्होंने वर्तमान विशेष अनुमति याचिका के माध्यम से प्रस्तुत किया है कि अब आगे की कैद उनके लिए "मृत्यु की घंटी बजाएगी", क्योंकि बढ़ती उम्र और बिगड़ता स्वास्थ्य घातक है. याचिका में उल्लेख किया गया है कि एक अन्य आरोपी, 83 वर्षीय आदिवासी अधिकार एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी का जुलाई 2021 में मामले में हिरासत में रहते हुए निधन हो गया था.

ये भी पढ़ें- "मामले को सियासी रंग न दें" : SC का मूसेवाला मर्डर को लेकर बीजेपी नेता की याचिका पर सुनवाई से इनकार

याचिकाकर्ता ने कहा है कि फरवरी 2021 में जमानत मिलने के बाद, उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी. इसके अलावा उन्हें अपनी दोनों आंखों में मोतियाबिंद के लिए भी ऑपरेशन करने की आवश्यकता है, जो उन्होंने नहीं किया है. याचिका में तर्क दिया गया है कि यह एक स्थापित कानून है और सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने पर जमानत पर वैधानिक रोक के बावजूद यूएपीए मामलों में जमानत दी जा सकती है. 1 फरवरी, 2021 को हाईकोर्ट ने 82 वर्षीय को छह महीने के लिए जमानत दे दी थी और कड़ी शर्तें लगाई थीं, उनमें से एक यह था कि राव को मुंबई में विशेष NIA कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ना चाहिए. पीठ ने पाया था कि वृद्ध का निरंतर कारावास में रखना उनके स्वास्थ्य के प्रति असंगत है.

ये VIDEO भी देखें- मोहम्मद जुबैर की याचिका पर आज SC में सुनवाई, इलाहाबाद HC के फैसले को दी है चुनौती
.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Syed Suhail | Bangladesh Violence: Yunus ने लगाई आग, Yogi ने दी वार्निंग! Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article