बेंगलुरु में पत्नी के हैरेसमेंट से परेशान होकर खुदकुशी करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष को लेकर हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है. अतुल सुभाष के पिता के मुताबिक, अतुल की सास निशा सिंघानिया 2021 में कोविड के समय अपनी बेटी-दामाद के पास बेंगलुरु गई थी. उसके बाद से ही अतुल की जिंदगी में चीजें बिगड़ने लगी. इस बीच जानकारी के मुताबिक, अतुल सुभाष की सास निशा सिंघानिया और साला अनुराग सिंघानिया के जौनपुर स्थित घर से फरार होने की खबर है. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि कर्नाटक पुलिस से अब तक उनसे संपर्क नहीं किया है.
अतुल सुभाष ने सोमवार को फांसी लगा ली थी. उनका शव बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस थाना क्षेत्र के मंजूनाथ लेआउट इलाके में उनके फ्लैट से मिला था. मरने से पहले उन्होंने करीब डेढ़ घंटे का वीडियो बनाया था, जिसमें अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास और साले पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उन्होंने 24 पेज का सुसाइड नोट भी कई दोस्तों और रिश्तेदारों को ईमेल पर भेजा था. ये सुसाइड नोट अतुल ने अपने बेटे के नाम लिखा था. पुलिस ने इस केस में पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुशील के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.
सास और साला फरार
पुलिस के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी 'PTI'से पुष्टि की कि बुधवार रात करीब 1 बजे निकिता की मां निशा सिंघानिया और उनका बेटा अनुराग उर्फ पीयूष सिंघानिया यहां खोवा मंडी इलाके में अपने घर से बाइक से निकले और तब से वापस नहीं लौटे.
पुलिस बोली- बेंगलुरु पुलिस को सूचना नहीं मिली
जौनपुर के SP अजयपाल शर्मा ने बताया, "हमें इस मामले में बेंगलुरु पुलिस से अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है." इस बीच, कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक मिथिलेश मिश्रा ने कहा कि पुलिस को निशा सिंघानिया और अन्य को गिरफ्तार करने, उन्हें घर से बाहर निकलने से रोकने या उन्हें नजरबंद करने का कोई आदेश नहीं मिला है.
2021 में सास के आने से खराब हुए हालात- पिता
न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत के दौरान अतुल सुभाष के पिता ने कहा, "बेटे ने 2019 में मैट्रिमोनी साइट से पसंद करके निकिता सिंघानिया से शादी की थी. बहू दो दिन के लिए बिहार आई थी. फिर दोनों चले गए. 2020 में पोते का जन्म हुआ. 2021 में कोविड के टाइम मेरी पत्नी भी बेटे के पास थी. डायबिटीज की वजह से वह बीमार रहती थी. फिर निकिता ने अपनी मां निशा को भी बुला लिया था. इसके बाद से चीजें खराब होने लगी थी. 2022 में उन लोगों ने अतुल सुभाष और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था."
ऐसा लीगल सिस्टम बने, जिससे पुरुषों को भी न्याय मिले- भाई
अतुल के भाई विकास ने कहा, "मैं चाहता हूं कि मेरे भाई को न्याय मिले. मैं चाहता हूं कि इस देश में एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया हो जिसके जरिए पुरुषों को भी न्याय मिल सके. मैं उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता हूं जो विधिक पद पर बैठे हैं. भ्रष्टाचार कर रहे हैं, क्योंकि अगर यह जारी रहा तो लोग न्याय की उम्मीद कैसे कर पाएंगे."
भतीजे को पैसों के लिए करते थे हैरास- चाचा
अतुल सुभाष के चाचा पवन कुमार ने आरोप लगाया कि उनके भतीजे को रुपयों के लिए परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा था और उसकी पत्नी और जज ने भी परेशान किया. पवन कुमार ने कहा, "जो कुछ हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. वह केस हार रहा था (जो उसकी पत्नी ने दायर किया था). उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. वे (पत्नी और ससुराल वाले) उससे लगातार रुपये मांग रहे थे. अपनी हैसियत के अनुसार वह बच्चे के भरण-पोषण के लिए उसे (पत्नी को) रुपये दे रहा था.''
परिवार से माफी मांगता हूं.... सुसाइड नोट लिख कानपुर के पत्रकार ने लगा ली फांसी, ये है वजह
पत्नी ने बेटे को बनाया था पैसे ऐंठने का हथियार
कुमार ने आरोप लगाया कि अतुल सुभाष की पत्नी और उसके ससुराल वाले उनके भतीजे से बच्चे (सुभाष का चार वर्षीय बेटा) के भरण-पोषण के बहाने रुपये ऐंठ रहे थे. शुरुआत में परिवार ने 40,000 रुपये प्रति माह की मांग की, बाद में इसे दोगुना कर दिया और फिर सुभाष से एक लाख रुपये देने को कहने लगे. उन्होंने कहा कि इस उम्र के बच्चे को पालने के लिए कितने पैसे की जरूरत होगी भला?
6 महीने से आ रहे थे खुदकुशी के ख्याल
अतुल के चाचा ने बताया कि पिछले 6 महीने से उसके मन में आत्महत्या के विचार आ रहे थे. लेकिन आखिरी पलों तक उसने कुछ नहीं बताया. पवन कुमार ने कहा कि परिवार को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि अतुल सुभाष ऐसा कुछ कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘अतुल ने हर काम के लिए एक टाइम टेबल बना रखा था.''
हेल्पलाइन | |
---|---|
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ | 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com |
TISS iCall | 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक) |
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं) |