सड़क पर भीख मांग रहे भिखारियों की होगी DNA जांच! जानिए पंजाब सरकार ने क्यों लिया फैसला?

अधिकारियों ने बताया कि अगर कोई बच्चा किसी वयस्क के साथ भीख मांगता हुआ पाया जाता है तो उसके पारिवारिक संबंधों की पुष्टि के लिए डीएनए जांच करवाई जाएगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
सड़क पर भीख मांगते बच्चे.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • पंजाब सरकार ने भीख मांगने वाले बच्चों के शोषण और तस्करी को रोकने के लिए सभी उपायुक्तों को डीएनए जांच करवाने के निर्देश दिए हैं.
  • यदि कोई बच्चा वयस्क के साथ भीख मांगते पाया जाता है तो उसके पारिवारिक संबंधों की पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराई जाएगी.
  • डीएनए जांच के परिणाम आने तक बच्चे को बाल कल्याण समिति की देखरेख में बाल देखभाल संस्थान में रखा जाएगा.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

DNA Test of Beggars: सड़कों पर भीख मांगते बच्चे... आप किसी भी रेड लाइट पर रुके या किसी मंदिर-मस्जिद के बाहर जाए तो आपको बड़ी संख्या में बच्चे भीख मांगते नजर आते है. भारत की सड़कों पर भीख मांगते बच्चों की झुंड हर जगह मिल जाएगी. भीख मांगते इन बच्चों में कई तो बाल तस्करी के शिकार भी होते हैं. कई जगह भीख मांगने वालों का कई गिरोह भी इसमें शामिल होता है. भीख मागंने वाले इन बच्चों को दलदल से मुक्त कराने के लिए पंजाब सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की है. पंजाब सरकार ने बच्चों की तस्करी और भीख मांगने के लिए उनके शोषण पर रोक लगाने के उद्देश्य से सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे सड़कों पर वयस्कों के साथ भीख मांगते पाए जाने वाले बच्चों की डीएनए जांच करवाएं ताकि उनके संबंधों की पुष्टि हो सके.

पंजाब में भीख मांगते बच्चों की डीएनए जांच होगी

अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री बलजीत कौर ने यह आदेश जारी किए. अधिकारियों ने बताया कि अगर कोई बच्चा किसी वयस्क के साथ भीख मांगता हुआ पाया जाता है तो उसके पारिवारिक संबंधों की पुष्टि के लिए डीएनए जांच करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि परिणाम आने तक बच्चा बाल कल्याण समितियों की देखरेख में बाल देखभाल संस्थान में रहेगा.

बच्चे के संबंध की पुष्टि नहीं होने पर होगी कार्रवाई

अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अगर डीएनए जांच से यह पुष्टि होती है कि वयस्क और बच्चे का कोई संबंध नहीं है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ‘जीवनज्योत-2' परियोजना के तहत सामाजिक सुरक्षा निदेशालय (महिला एवं बाल विकास) द्वारा सभी उपायुक्तों को ये निर्देश जारी किए गए.

एक अधिकारी ने बताया कि बाल कल्याण समितियां जिलों में ऐसे मामलों की पहचान करेंगी, जिनमें ऐसा प्रतीत होता हो कि किसी बच्चे को किसी वयस्क के साथ भीख मांगने के लिए मजबूर किया जा रहा है या फिर उनका रिश्ता संदिग्ध प्रतीत होता हो.

अपने-अपने जिलों को भिखारी मुक्त घोषित करें

उन्होंने बताया कि इसके बाद मामले उपायुक्तों के पास भेजे जाएंगे और वे डीएनए जांच कराने की सिफारिश करेंगे. कौर ने पिछले महीने सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए थे कि वे अपने-अपने जिलों को ‘भिखारी-मुक्त' घोषित करें और इस संबंध में नियमित निगरानी सुनिश्चित करें.

Featured Video Of The Day
Brain Eating Amoeba ने Kerala में कैसे निगली 19 जिंदगियां, क्या है बचाव के उपाय ?