पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड मामले में फांसी की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (SC) में एक नवंबर को अंतिम सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में बलवंत सिंह राजोआना के वकील ने कहा कि वो 26 साल से जेल में है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बीच केंद्र सरकार फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. हालांकि, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि केंद्र सरकार ने कहा कि सुरक्षा कारणों की वजह से इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है.
पिछली सुनवाई में SC ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना की सजा कम करने की अर्जी पर जल्द फैसला ले. 2 मई के आदेश के मुताबिक फैसला लेने के लिए 2 महीने की दी गई समयसीमा बहुत पहले ही खत्म हो चुकी है. सरकार कुछ भी फैसला ले, पर फैसला लेना ही होगा. मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की बेंच ने सरकार से हलफनामा दाखिल कर ये भी बताने को कहा है कि इस बारे में कितनी प्रगति हुई है.
इससे पहले दो मई 2022 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के अपराध में मृत्युदंड की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की ओर से दाखिल दया याचिका पर निर्णय लेने के लिए केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने की मोहलत दी थी. राजोआना पर 1995 में बेअंत सिंह की हत्या की साजिश रचने से लेकर उसे अंजाम देने का अपराध सिद्ध हो चुका है. उसके लिए निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सजा ए मौत तय कर चुके हैं, लेकिन लंबे अरसे से राजोआना की ओर से राष्ट्रपति के पास दायर दया याचिका लंबित है.
2020 में भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव कब भेजेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में केंद्र सरकार को ये बताने के लिए कहा था. दरअसल, पंजाब के तत्कालीन सीएम बेअंत सिंह की हत्या के लिए राजोआना को मौत की सजा सुनाई गई थी. राजोआना ने सजा के खिलाफ अपील नहीं की है. दूसरों ने उसकी ओर से दया याचिका दायर की है.
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