Exclusive: "हम सही रास्ते पर हैं, मजबूत आधार पर लौट रहे हैं ": बांग्लादेश की अर्थव्‍यवस्‍था पर सलाहकार शर्मीन मुर्शिद

पांच अगस्त को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश के सामने कई चुनौतियां हैं. जिनमें से देश की अर्थव्यवस्था एक है, जो कि इस समय पटरी से उतरी हुई है.

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नई दिल्ली:

बांग्लादेश में बदलाव की मांग के पीछे आर्थिक बदहाली भी एक कारण थी. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना नई सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को अर्थशास्त्र की गहरी समझ है और इस क्षेत्र में वो जल्द सुधार करने वाले हैं. कार्यवाहक सरकार की सामाजिक कल्याण सलाहकार शर्मीन मुर्शिद ने NDTV को बताया कि आखिर सरकार बांग्‍लादेश की अर्थव्‍यवस्‍था को सुधारने के लिए क्या कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि हमारा फोकस फिर से अर्थव्‍यवस्‍था पर है. हम कई रिफॉर्म पर काम कर रहे हैं. शर्मीन मुर्शिद ने कहा कि देश में बहुत भ्रष्टचार है और इसका पूरा सफाया करना है. उन्होंने कहा कि आपको इंतजार करना होगा, एक सुधार एजेंडा है. आप अच्छी तरह से जानते होंगे कि पिछले वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था की समझ गलत सूचनाओं पर टिकी हुई थी. हमें जीडीपी दरों के बारे में कुछ भी नहीं पता था. हमें पता था कि मुद्रास्फीति है, लेकिन हमें कभी नहीं पता था कि हम किस स्तर पर.

"हम सही रास्ते पर हैं"

शर्मीन मुर्शिद ने कहा आप प्रोफेसर यूनुस के आर्थिक विश्व दृष्टिकोण के बारे में जानते हैं, आप इससे अवगत हैं और मैं इस सरकार में भी इसका कुछ प्रभाव देखना चाहूंगा. अभी इस समय बहुत सारे सुधार हैं, जिनके बारे में बात की जा रही है. यह बहुत जल्द होगा. बुनियादी मौलिक परिवर्तन होने जा रहे हैं और मुझे लगता है कि हमारी मुख्य ताकत हमारे लोग हैं. मैं यह भी जोड़ना चाहूंगी कि हमारे मुख्य सलाहकार की विश्वसनीयता भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता का एक प्रमुख कारक है. हमारे लोग जो अब इस देश के पुनर्निर्माण के लिए तैयार हैं, प्रेरित हैं. मुझे लगता है कि यह अर्थव्यवस्था इस बात का सबूत है कि हम सही रास्ते पर हैं. और निश्चित रूप से किसी ने नहीं कहा कि यह आसान होगा और मैं भी ऐसा नहीं कहती. लेकिन मुझे लगता है कि हम मजबूत आधार पर लौट रहे हैं.

बात दें कि विरोधी प्रदर्शनों ने राजधानी ढाका में आतिथ्य क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है. यहां कई महंगे और किफायती होटलों के अधिकतर कमरे खाली पड़े हैं. ढाका बांग्लादेश की राजनीतिक और वित्तीय राजधानी है.  आतिथ्य बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख घटक है और इसका मुख्य केंद्र होने के नाते ढाका वर्तमान स्थिति का प्रभाव झेल रहा है.

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