रामलला की मूर्ति लेकर आज अयोध्या पहुंचेगा जुलूस, मंगल कलश में भरा जाएगा सरयू का पवित्र जल

Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक दोपहर 1:20 के आसपास जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक- कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा और भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा.

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अयोध्या:

अयोध्या में रामलला के भव्य स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं. 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 6 दिन तक चलने वाले अनुष्ठान कार्यक्रम (Ayodhya Ram Temple) का आज दूसरा दिन है. 16 जनवरी यानी कि मंगलवार को कार्यक्रम के पहले दिन राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह की रस्में शुरू हो गईं. मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रायश्चित समारोह का संचालन किया. सरयू नदी के किनारे दशविध स्नान, विष्णु पूजा और गाय का तर्पण किया गया. आज अनुष्ठान का दूसरा दिन है. आज यानी कि बुधवार को रामलला की मूर्ति लेकर जुलूस अयोध्या पहुंचेगा. मंगल कलश में सरयू का जल लेकर भक्त राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे.

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जुलूस के लिए फूलों से सजाया गया ट्रक

भगवान राम की प्रतिमा को नए राम मंदिर परिसर में ले जाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. रामलला के जुलूस के लिए देर रात एक ट्रक को फूलों से सजाया गया है. एक क्रेन की मदद से रामलला की नई प्रतिमा को ट्रक पर विराजमान किया गया. राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक दोपहर 1:20 के आसपास जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक- कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा और भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा.

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अयोध्या में आज कार्यक्रम का दूसरा दिन

बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा पूजन के पहले दिन समापन पर वैदिक विद्वान आचार्य श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ का वक्तव्य हुआ. अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि स्थान पर बने श्री राम मन्दिर में 22 जनवरी के प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत 16 जनवरी को अनिल मिश्रा ने सांगोपांग सर्व प्रायश्चित्त किया और पवित्र सरयू नदी में स्नान किया. विष्णुपूजन करके पञ्चगव्य और घी से होम कर पंचगव्यप्राशन किया. द्वादशाब्द पक्ष से प्रायश्चित स्वरूप गोदान किया. दशदान के बाद मूर्ति-निर्माण स्थान पर कर्मकुटी होम किया.

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22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

पहले दिन का कार्यक्रम भव्यता के साथ संपन्न हुआ. हवन के समय आचार्य वैदिकप्रवर श्री लक्ष्मीकान्त दीक्षित वहां मौजूद रहे. मंडप में वाल्मीकि रामायण और भुशुण्डिरामायण का पारायणारम्भ हुआ. बता दें कि 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति को स्थायी तौर पर गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा. इसके लिए मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथि अयोध्या पहुंचेंगे. अलग-अलग क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियों को राम मंदिर उद्घाटन का न्योता भेजा गया है. पीएम मोदी इस कर्यक्रम में मुख्य यजमान होंगे. 

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