"असम ट्रिपल मर्डर लव जिहाद का मामला" : सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आरोपी 25 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर है, जिसकी पहचान नजीबुर रहमान बोरा के रूप में हुई है. वह नशे का आदी था और प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी में शामिल था.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, मामले में 15 दिन में चार्जशीट दायर की जाएगी (फाइल फोटो).
गुवाहाटी:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को दावा किया कि गोलाघाट में ट्रिपल मर्डर 'लव जिहाद' का नतीजा था. इस शब्द को मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू महिलाओं को बहकाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने के कथित अभियान के लिए उपयोग किया जाता है. अक्सर दक्षिणपंथी नेता आरोप लगाते हुए इसका इस्तेमाल करते हैं. सरमा ने आश्वासन दिया कि आरोपियो के खिलाफ मुकदमे को तेजी से आगे बढ़ाने के इरादे से 15 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर किया जाएगा.

सरमा ने पीड़ितों के परिवार से मुलाकात के दौरान कहा, "यह पूरी तरह से लव जिहाद का मामला है. मृतक परिवार हिंदू था और आरोपी मुस्लिम समुदाय से है. उसने पहले फेसबुक पर अपना परिचय हिंदू नाम से दिया था... जब दंपति कोलकाता भाग गए थे तब महिला ने ड्रग्स लेना सीखा.“

रिपोर्टों के मुताबिक पीड़ितों की पहचान संजीव घोष, जुनू घोष और संघमित्रा घोष के रूप में हुई है. उनके शरीर पर चोटों के कई निशान पाए गए. उन पर सोमवार को धारदार हथियारों से हमला किया गया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपी 25 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर है, जिसकी पहचान नजीबुर रहमान बोरा के रूप में हुई है. वह नशे का आदी था और प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी में शामिल था. सरमा ने दावा किया, "महिला को नशीली दवाएं दी गईं, जिसके प्रभाव में रहते हुए वह गर्भवती हो गई. वह आरोपी के घर रहने गई और बाद में अपने मायके लौट आई तो उसे प्रताड़ित किया गया."

मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों पर चिंता जताई जिनमें महिलाओं को शादी के लिए प्रभावित करने के लिए धार्मिक पहचान छिपाई जाती है. तब ऐसी स्थिति पैदा होती है जहां महिला वापस लौटने का फैसला करती है तो सामाजिक स्वीकृति मुश्किल हो जाती है. उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में, वह अंततः अपना धर्म बदल लेती है, सब कुछ त्याग देती है और एक अलग जीवन अपना लेती है."

पत्नी और उसके माता-पिता की हत्या के बाद नजीबुर रहमान बोरा ने ऊपरी असम के गोलाघाट जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. उसके परिवार के अन्य सदस्यों, विशेष रूप से आरोपी के भाई और मां की संभावित संलिप्तता के बारे में उठ रहे सवालों को लेकर सरमा ने कहा, "उचित जांच की जाएगी और मुझे उम्मीद है कि उसके बाद और विवरण सामने आएंगे... हम यथासंभव सख्त कार्रवाई करेंगे और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा."

Advertisement

सरमा ने इसे एक "खुला मामला" बताया, जिसमें अगले 15 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने की योजना है. बाद में उन्होंने ट्वीट किया, "कोई भी अपराधी न्याय से नहीं बचेगा."

मुख्यमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें घटना के बारे में आरोपी की साली अंकिता का एक पत्र मिला था, लेकिन उनके पास बड़ी मात्रा में आने वाले पत्रों के कारण वह पत्र पढ़ने से चूक गए थे. उन्होंने कहा, यह पत्र कोविड ​-19 महामारी के के दौर में लॉकडाउन के दौरान भेजा गया था. सरमा ने बताया, "तब परिस्थितियां अलग थीं क्योंकि कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू था, इस वजह से, मुझसे पत्र छूट गया होगा, अन्यथा मैं एसपी को पत्र भेज देता."

Advertisement

असम के पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जांच चल रही है. सिंह ने कहा, "हम अपराधियों और उकसाने वालों के खिलाफ एक फुलप्रूफ आरोपपत्र सुनिश्चित करेंगे. पिछली जांच में जोड़े गए विवाह प्रमाण पत्र की वैधता सहित पहले के मामलों की जांच में खामियों पर भी ध्यान दिया जाएगा."

पुलिस के अनुसार आरोपी पहले भी अपनी पत्नी से मारपीट के आरोप में जेल जा चुका था और छूटने के बाद उसने फिर से झगड़ा करना शुरू कर दिया था. इसके कारण अंततः उसने पत्नी और सास-ससुर की हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी ने अपने नौ महीने के बेटे के साथ गोलाघाट पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया.

Advertisement
Featured Video Of The Day
US Election 2024: मतदान के बाद जनता ने बताया किन खास मुद्दों पर डाले वोट, देखें Ground Report
Topics mentioned in this article