असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने नए साल के दिन कहा कि असम सरकार निजी मदरसों को बंद करने और उन्हें सामान्य स्कूलों में बदलने के लिए उनके साथ बातचीत करने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान तब दिया है जब उनकी सरकार ने पहले ही राज्य में सभी सरकारी संचालित मदरसों को बंद कर दिया है और उन्हें सामान्य स्कूलों में बदल दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी मदरसों को भारत के संविधान द्वारा संरक्षित किया गया है क्योंकि यह लिखा है कि सरकार अल्पसंख्यक संचालित शैक्षणिक संस्थानों को नहीं छू सकती है. वे आरटीई अधिनियम के तहत भी नहीं आते हैं.
असमिया मुस्लिम समुदायों की हो रही है गणना
सरमा ने कहा कि पांच अलग-अलग समुदाय हैं जिन्हें असमिया मुस्लिम समुदायों के रूप में जाना जाता है, हमने जनगणना को मंजूरी दे दी है और हम उन गांवों का सत्यापन कर रहे हैं जहां असमिया मुस्लिम समुदाय रहते हैं, नगरपालिका क्षेत्रों में वार्ड भी निर्धारित किए जा रहे हैं जहां असमिया मुस्लिम रहते हैं और 2024 के अंत तक , हम इस जनगणना को पूरा करेंगे. असम के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस साल के अंत तक असमिया मुसलमानों की नई जनगणना पूरी कर लेगी.
2 जिलों से जल्द ही हटा लिया जाएगा AFSPA
गौरतलब है कि सरमा ने कहा है कि असम के कम से कम दो और जिलों में इस साल AFSPA को वापस लिया जाएगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने अब इसे पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है, लेकिन केंद्र सरकार ने हमें सलाह दी है कि हमें थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है, इसलिए AFSPA अब केवल चार जिलों तक ही सीमित है. मुझे लगता है कि अगली समीक्षा में, हम दो अन्य जिलों से AFSPA वापस ले लेंगे. केंद्र असम, नागालैंड और अरुणाचल के बीच सीमा के त्रिकोणीय क्षेत्र से AFSPA को हटाना नहीं चाहता है. यह समय की बात है, किसी समय AFSPA को पूरी तरह से वापस ले लिया जाएगा.
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