इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से कांग्रेस नाराज़, नीतीश सरकार ने बदला 'बिहार का इतिहास'...

इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से कांग्रेस नाराज़, नीतीश सरकार ने बदला 'बिहार का इतिहास'...

इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी के कारण बिहार में सरकार में शामिल कांग्रेस नाराज हुई...

पटना:

बिहार सरकार की एक वेबसाइट पर दिए गए राज्य के इतिहास को उस वक्त जल्दी-जल्दी में संशोधित किया गया, जब इस बात की ओर इशारा किया गया कि उसमें 1970 के दशक के दौरान केंद्र में इंदिरा गांधी की सत्ता के बारे में 'गड़बड़' बातें कही गईं।

राज्य की मौजूदा नीतीश कुमार सरकार में कांग्रेस भी साझीदार है, और इस मुद्दे को लेकर पार्टी की राज्य इकाई काफी गुस्से में बताई जाती है। दिल्ली में कांग्रेस के प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा, "हमने इस बार में सुना, और हमारी बिहार इकाई ने विरोध दर्ज किया... दिल्ली भी इसे गंभीरता से ले रही है... हमारे विचार में इस मुद्दे पर नीतीश (कुमार) जी को सफाई देनी चाहिए..."

वेबसाइट के 'बिहार का इतिहास' खंड में कांग्रेस की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का ज़िक्र समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण अथवा जेपी के संदर्भ में किया गया है। गौरतलब है कि इस वक्त बिहार में सत्तासीन नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और उनके सहयोगी लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) दोनों ही जेपी का अथाह सम्मान करती हैं।

रविवार तक वेबसाइट का कहना था, "जेपी ने निरंतर और बेहद मजबूती से इंदिरा गांधी के निरंकुश शासन का विरोध किया...", और इसके अलावा वेबसाइट में जेपी की वर्ष 1975 में की गई गिरफ्तारी और उन्हें दिल्ली की उस तिहाड़ जेल में कैद रखे जाने का ज़िक्र किया गया है, जहां कुख्यात अपराधियों को रखा जाता था।

वेबसाइट में लिखा था, "जिन जेपी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए इंदिरा गांधी के पिता जवाहरलाल नेहरू के साथ मिलकर संघर्ष किया, उनके साथ उससे भी ज़्यादा बुरा व्यवहार किया गया, जो अंग्रेज़ों ने वर्ष 1917 में चम्पारण में दमन के खिलाफ बोलने पर गांधी के खिलाफ किया था..." वेबसाइट में यह भी लिखा था, "जेपी के आंदोलन के चलते ही इमरजेंसी का खात्मा हो पाया, और अगले चुनाव में इंदिरा गांधी को 'करारी हार' का सामना करना पड़ा..."

अब संशोधित इतिहास में इंदिरा गांधी या इमरजेंसी काल का कोई ज़िक्र मौजूद नहीं है। अब वेबसाइट पर मौजूद इतिहास कहता है, "आधुनिक भारत के इतिहास में जेपी का बेहद महत्वपूर्ण योगदान उनकी 1979 में हुई मृत्यु तक जारी रहा... जेपी ही थे, जिनके नेतृत्व में चले आंदोलन की बदौलत पहली बार एक गैर-कांग्रेस सरकार - जनता पार्टी - को दिल्ली में भारी जीत हासिल हुई..."

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संभवतः वेबसाइट पर यह इतिहास उन दिनों से मौजूद है, जब कांग्रेस यहां विपक्ष में थी। सो, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे पर उपहास किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "कांग्रेस को सच का सामना करना ही पड़ेगा..."