चुनाव से पहले गिरफ्तार कर पार्टी को खत्म करने की कोशिश : दिल्ली HC में अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल की तरफ से अदालत में उनका पक्ष रखते हुए अभिषेक सिंधवी ने कहा कि इस केस में चुनाव से पहले गिरफ्तारी करके पार्टी को खत्म करने की कोशिश की गई है. अदालत ने बुधवार को फैसला रिजर्व रखा है.

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नई दिल्ली:

शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और निचली अदालत की कस्टडी के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है. अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है. अदालत ने दोनों पक्षों से कहा है कि कल तक कुछ और लिखित में देना हो तो दे सकते हैं. अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभिषेक सिंधवी ने कहा कि कोर्ट को यह देखना होगा कि चुनाव में सभी पार्टियों को बराबर का मौका मिले. इस केस में चुनाव से पहले गिरफ्तारी करके पार्टी को खत्म करने की कोशिश की गई है.  

केजरीवाल के वकील ने गिरफ्तारी के टाइमिंग पर उठाया सवाल
केजरीवाल की तरफ से कहा गया कि गिरफ्तारी  की टाइमिंग ही ईडी की मंशा पर सवाल उठाने के लिए पर्याप्त है. ईडी का पहला समन अक्टूबर में जारी किया गया था. गिफ्तारी मार्च में जाकर होती है.  टाइमिंग देखा जाए. PMLA के तहत गिफ्तारी के लायक कोई सबूत ईडी के पास नही है. बिना किसी बयान को दर्ज किए इस केस मे गिफ्तारी की गई है. PMLA के सेक्शन 15 और 19 में दिए गए प्रवधानों पर यह गिफ्तारी खरी नही उतरती है.  पहले समन और गिफ्तारी के बीच केजरीवाल का बयान दर्ज नही किया गया.

अभिषेक सिंधवी ने कहा कि ईडी का यह कहना कि केजरीवाल ने समन का पालन नही किया, यह एक गुमराह करने वाला बयान है. PMLA के तहत जमानत आसानी से नही मिल पाती है. इसलिए सेक्शन 19 के तहत जो गिरफ्तारी दिखाई गई है वह भी सख्त है. इसलिए ईडी ने जो गिरफ्तारी की है वह भी खरी नही उतरती है.  सिंधवी ने सवाल उठाया कि ईडी यह साबित नही कर पाई की आखिर केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यो की गई.

गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य केजरीवाल को अपमानित करना है: बचाव पक्ष
अभिषेक सिंधवी ने कहा कि 
क्या केजरीवाल के भागने की संभावना थी? क्या उन्होंने डेढ़ साल में किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की. क्या उन्होंने पूछताछ से इंकार किया?  केजरीवाल ने ईडी के हर समन का विस्तार से जवाब दिया है. गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य उन्हें अपमानित करना है. गिरफ्तारी का असली उद्देश्य मुझे अक्षम बनाना है. ईडी - कह रही है कि उन्हें आगे चलकर CM की भूमिका का पता लगाना है. ये आज उनकी गिरफ्तारी का आधार कैसे हो गया.

सिंघवी ने कहा कि ईडी की अप्लीकेशन में ही कहा गया है कि हमें एफआईआर के सवा साल बाद और पहले समन के छह महीने बाद केजरीवाल की भूमिका का पता लगाना है. सिंघवी ने कहा कि ED की ये दलील बेमानी है कि चूंकि निचली अदालत में केजरीवाल ने रिमांड पर भेजे जाने का विरोध नहीं किया, इसलिए अब इस केस में गिरफ्तारी,/रिमांड को चुनौती देने वाली,उनकी याचिका निष्प्रभावी हो गई है. ED की ये दलील समझ से परे है. 

ईडी की तरफ से क्या कहा गया?
अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी की तरफ से कहा गया कि जब अभी हमने केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट फ़ाइल नही किया तो बयान आधार की यहाँ जिक्र करने का क्या औचित्य है. ईडी की तरफ से ASG राजू ने कहा कि केजरीवाल ने याचिका गिरफ्तारी को रद्द करने की डाली.है. लेकिन इनके वकील ने बहस जमानत की या मुकदमे को रद्द करने की बहस की.  ईडी ने कहा कि अगर हम प्रॉपर्टी अटैच करेंगे तो ये कहेंगे कि चुनाव है और हमे शामिल नहीं होने दे रहे है और नहीं करेंगे तो ये दलील देंगे कि क्या कुछ मिला.. कोई रिकवरी हुई? ईडी के वकील एएसजी राजू ने कहा कि मामले पर कल भी सुनवाई की जा सकती है, क्योंकि उन्हें याचिका की सही प्रति नहीं सौंपी गई है.

ईडी की तरफ से कहा गया कि केजरीवाल ने पहले रिमांड आदेश को चुनौती दी है. जो 26 मार्च को हुई थी. आज 3 अप्रैल है. 28 मार्च को दूसरा रिमांड आदेश पारित किया गया. उसे चुनौती नहीं दी गई है. न्यायिक हिरासत के तीसरे रिमांड आदेश को चुनौती नहीं दी गई है. इसलिए आज उनकी हिरासत या गिरफ्तारी पहले रिमांड आदेश के अनुसार नहीं है, यह 1 अप्रैल के आदेश के अनुसार है जिसे चुनौती नहीं दी गई है. 

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