आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और दिल्ली की सीएम आतिशी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले में निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता बीजेपी नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी किया है. दरअसल अग्रवाल समाज का नाम वोटिंग लिस्ट से काटने वाले बयान से जुड़े मानहानि के मामले में केजरीवाल और आतिशी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
केजरीवाल और आतिशी को निचली अदालत ने समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल और आतिशी की ओर से याचिका दायर की गई थी. साथ ही मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी. जिसे रद्द करने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया था. कोर्ट ने केजरीवाल, आतिशी और अन्य को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया था.
मुझे जेल भेजा गया ताकि मेरा काम रोका जा सके: हरियाणा में केजरीवाल
बताते चलें कि अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर हरियाणा की एक चुनावी सभा में जमकर निशाना साधा था और दावा किया था कि उन्हें जेल में इसलिए डाला गया है ताकि उनके द्वारा शुरू किए गए कामों को रोका जा सके और उन्हें बेईमान साबित किया जा सके. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा के रेवाड़ी में आप उम्मीदवार सतीश यादव के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते एक रैली को संबोधित कर रहे थे. यहां पांच अक्टूबर को मतदान होना है.
रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में उनकी सरकार ने 'उत्कृष्ट' स्कूल और अस्पताल बनवाए हैं और करीब एक लाख बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थयात्रा पर भेजा गया है. उन्होंने कहा, 'मोदीजी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) को लगता है कि वह (केजरीवाल) बहुत काम कर रहे हैं. उन्होंने पहले दिल्ली में (चुनाव) जीता फिर पंजाब में और अब वह हरियाणा और गुजरात में जीतेंगे. उन्हें रोकिए, उनके काम को रोकिए, उन्हें बेईमान साबित कीजिए. और फिर उन्होंने मुझे जेल में डाल दिया. '
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