दिल्ली (Delhi) में मुस्लिम विरोधी नारे लगाने वालों में बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय भी शामिल थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार उनका गिरफ्तारी हो सकती है. दिल्ली पुलिस अश्विनी उपाध्याय और अन्य चिन्हित लोगों की गिरफ्तारी के लिए रेड कर रही है. किसी भी वक्त सभी को गिरफ्तार किया जा सकता है. दिल्ली पुलिस भड़काऊ भाषण देने के मामले में एक्शन में है. अश्विनी उपाध्याय की गिरफ्तारी हो सकती है. गौरतलब है कि जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर अश्विनी उपाध्याय के कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने अभद्र आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी.
एक विशेष समुदाय पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला पुलिस तक पहुंचा और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की. ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि वह कल किसी भी समय पर पुलिस के सामने पेश होने को तैयार हैं. अश्विनी उपाध्याय ने सफाई भी पेश की है और दावा किया है कि वह कार्यक्रम में गेस्ट के तौर पर थे. और नारे लगाने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं जानते.
जंतर मंतर पर हुई हेट स्पीच में अभी चार लोग दिल्ली पुलिस के राडार पर हैं. इनमें उत्तम मालिक, विनीत क्रांति, पिंकी भैया और अश्विनी उपाध्याय, जो कि इस प्रदर्शन के आयोजक थे, शामिल हैं. इन सभी की तलाश की जा रही है.
देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर इलाके में एक 'मार्च' में कथित तौर पर सांप्रदायिक नारे (communal slogans) लगाए गए. कथित तौर पर इस 'मार्च' का वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. पुलिस का कहना है कि उसकी इजाजत के बिना इस मार्च (March) को आयोजित किया गया था. बताया जाता है कि यह मार्च, सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय की ओर से आयोजित किया गया था. वैसे उपाध्याय का कहना है कि उन्हें वीडियो के बारे में जानकारी नहीं है. केवल पांच या छह लोग ही नारे लगा रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसे नारे नहीं लगाए जाने चाहिए थे.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मुस्लिमों को 'राम-राम' कहने को लेकर धमकी दी जा रहे है. दिल्ली के प्रमुख इलाके जंतर मंतर पर आयोजित इस प्रदर्शन में कुछ सदस्य नारे लगा रहे थे, 'हिंदुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा'. यह स्थान देश की संसद और शीर्ष सरकारी दफ्तरों से कुछ ही किलोमीटर दूर है.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है और वीडियो में दिखाए गए लोगों को पहचानने की कोशिश की जा रही है. नफरत भरे भाषणों के लिए 'कुख्यात' पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती की मौजूदगी में यह नारे लगाए गए. पुरातन समय से चले आ रहे कानूनों को हटाकर एक समान कानून बनाने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन आयोजित किया गया था.