पुलिस फोर्स नहीं मिलने की वजह से दक्षिण दिल्ली नगर निगम (municipal corporation of delhi) ने 8 मई तक अवैध निर्माण गिराने पर रोक लगा दी है. दरअसल दक्षिण दिल्ली नगर निगम (municipal corporation of delhi) की ओर से साउथ दिल्ली के कई हिस्सों में अवैध निर्माण गिराए जाने हैं. इस संबंध में दिल्ली नगर निगम ने राजधानी पुलिस को पत्र लिखकर फोर्स की मांग की थी. जिसे स्वीकार नहीं किया गया. एमसीडी सेंट्रल जोन के चेयरमैन राजपाल सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने आज फ़ोर्स देने से मना किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आज फ़ोर्स उपलब्ध नहीं है. हम पूरी तैयारी के साथ जामिया नगर आए थे. लेकिन दिल्ली पुलिस जब फ़ोर्स देगी तब ही बुल्डोज़र चलेगा.
राजपाल सिंह ने आगे कहा कि हम बिना किसी भेदभाव के अतिक्रमण हटा रहे हैं. 9 मई को हमने शाहीनबाग के लिए फ़ोर्स मांगी है. पुलिस बल मिलेगा तो हम बुल्डोज़र चलाएंगे. राजपाल सिंह के अनुसार 13 मई तक अवैध निर्माण गिराए जाने हैं.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने बुधवार को ही अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया है. एसडीएमसी की ये कार्रवाई शाहीन बाग सहित उसके अधिकार क्षेत्र वाले इलाकों में अवैध निर्माण हटाने की दस दिन की कार्य योजना का हिस्सा है. एसडीएमसी के अध्यक्ष, मध्य जोन, राजपाल सिंह ने बताया कि अभियान में बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है और ये अभियान संगम विहार इलाके के एमबी रोड पर करणी सिंह शूटिंग रेंज से शुरू हुआ था.
उन्होंने कल कहा था कि यह अभियान शाहीन बाग मुख्य सड़क, कालिंदी कुंज, एमबी रोड, मेहरचंद मार्केट, श्रीनिवास पुरी और खाड़ा कॉलोनी में चलाया जाएगा. सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ हमने शाहीन बाग सहित इन इलाकों से अतिक्रमण हटाने के लिए दस दिन की कार्य योजना तैयार की है. हमने अभियान चलाने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए जाने की भी मांग की है. हम शाहीन बाग में नौ मई को अभियान चलाएंगे.''
उन्होंने कहा कि कालिंदी कुंज और श्रीनिवास पुरी में पांच और छह मई को अतिक्रमण हटाया जाएगा. दस मई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के पास गुरुद्वारा रोड के समीप अभियान चलाया जाएगा. मेहरचंद मार्केट, साईं बाबा मंदिर के पास लोधी कॉलोनी में और जेएलएन मेट्रो स्टेशन के पास 11 मई को अभियान चलाया जाएगा.
गौरतलब है कि शाहीन बाग एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस इलाके में दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में लंबे समय तक धरना - प्रदर्शन चला था. यह धरना - प्रदर्शन कोविड महामारी के फैलने के बाद मार्च 2020 में समाप्त हुआ था. (भाषा इनपुट के साथ)
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