आंबेडकर को लेकर अमित शाह के बयान पर संसद में हंगामा, किरेन रिजिजू ने दिया जवाब

संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को लेकर किए गए टिप्पणी पर बुधवार को संसद में जमकर हंगामा देखने को मिला.

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नई दिल्ली:

संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की बाबा साहब भीमराव आंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) को लेकर किए गए टिप्पणी पर बुधवार को संसद में जमकर हंगामा देखने को मिला.  कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर दिए बयान पर आपत्ति जताते हुए सदन में चर्चा की मांग की. उन्होंने इस संबंध में लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.

किरेन रिजिजू ने विपक्षी दलों पर बोला हमला

हमलोगों ने अमित शाह के पूरे बयान को सुना है.गृहमंत्री जी ने बहुत साफ शब्दों में बाबा साहब के प्रति श्रद्धा का भाव व्यक्त किया था. साथ ही उन्होंने बताया कि बाबा साहब के जीते जी कांग्रेस पार्टी ने कैसे उनका अपमान किया. उनके परिनिर्वाण के इतने दिनों के बाद भी उन्हें भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया. 

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

कांग्रेस की क्या मांग है? 
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने नोटिस में कहा है कि “मैं सदन का ध्यान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 17 दिसंबर, 2024 को सदन में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के संबंध में की गई अपमानजनक टिप्पणियों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। ये टिप्पणियां न केवल डॉ. अंबेडकर की विरासत का अपमान करती हैं, बल्कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं को भी आहत करती हैं, जो उन्हें आधुनिक भारत के संस्थापक और सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक के रूप में सम्मान देते हैं.”

गृहमंत्री ने जो आज भरे सदन में बाबासाहेब का अपमान किया है, उससे ये फिर एक बार सिद्ध हो गया है कि ‘‘भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ थे. उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया. संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति लागू करना चाहते थे.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस नेताओं ने मकर द्वार पर किया प्रदर्शन
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में की गई एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और शाह से माफी की मांग की. संसद भवन के ‘मकर द्वार' के निकट कांग्रेस, द्रमुक और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसद एकत्र हुए और शाह की टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए नारेबाजी की। उन्होंने ‘जय भीम' और ‘बाबासाहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे लगाए. 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, द्रमुक नेता टी आर बालू और कई विपक्षी सांसद बाबासाहेब की तस्वीर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए. 

कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया, ‘‘गृह मंत्री ने उच्च सदन में बाबासाहेब का अपमान किया है। ये लोग सिर्फ चुनाव और राजनीतिक हित के लिए बाबासाहेब का नाम लेते हैं। बाद में उनका अपमान करते हैं.''उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए संविधान किसी पवित्र ग्रंथ से कम नहीं है और बाबासाहेब, भगवान से कम नहीं हैं। गृह मंत्री जी को देश से माफी मांगनी चाहिए.''

कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया.

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