एलोपैथी दवा भ्रामक विज्ञापन मामला : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को फटकारा, 7 मार्च को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथी दवाओं को लेकर भ्रामक विज्ञापनों के मामले में अपने आदेशों का पालन नहीं होने पर राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथी दवाओं को लेकर भ्रामक विज्ञापनों के मामले में अपने आदेशों का पालन नहीं होने पर राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने आंध्र प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिवों को स्पष्टीकरण देने के लिए 7 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि राज्य सचिवों को तलब करना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका है. जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एलोपैथिक दवाओं को बढ़ावा देने वाले भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

पीठ ने कहा कि जब तक आवश्यक न हो, हम उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं बुलाते, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम ऐसा करेंगे. यह मामला एलोपैथी दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सख्त रुख अपना रहा है. कोर्ट ने राज्यों को आदेशों का पालन करने के लिए कहा है और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
 

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