प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर आधे-अधूरे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन में हड़बड़ी दिखाने और ‘‘चलताऊ'' संस्कृति का समर्थन करने का आरोप लगाया. सपा प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘‘आधे-अधूरे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन की हड़बड़ी बताती है कि इसका डिजाइन भी ऐसे ही चलताऊ बना है.''
अखिलेश ने कहा, ‘‘...तभी डिफेंस कॉरिडोर के पास होने के बाद भी यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार, सपा के शासन में बने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी हवाई पट्टी नहीं बना पाई. इसे चित्रकूट तक विकसित नहीं करना दूरदर्शिता की कमी है.'' सपा प्रमुख ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था. इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया. इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है.
यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है. यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर सृजित होंगे. बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक गलियारा बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है.
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