अखिलेश यादव ने BJP पर 'बेईमानी' का लगाया आरोप, कहा- जिस बात का जवाब नहीं देना चाहती दूसरे दलों को आगे कर देती

अखिलेश यादव ने विधान परिषद चुनावों में भाजपा की जीत पर कहा कि ''भाजपा बेईमानी कर ले और बेईमानी के लिए एक दूसरे को बधाई दे, यह कोई पहला चुनाव उत्तर प्रदेश नहीं देख रहा है, इससे पहले भी आपने चुनाव देखे हैं.''

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अखिलेश यादव ने बीजेपी के साथ ही मायावती पर भी हमला बोला है. (फाइल)
हरदोई (उप्र) :

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधान परिषद चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत पर तंज कसते हुए कहा कि ‘‘भाजपा बेईमानी कर ले और बेईमानी के लिए एक दूसरे को बधाई दे.'' उन्होंने साथ ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जिस बात का जवाब नहीं देना चाहती उसके लिए कभी-कभी दूसरे दलों को आगे कर देती है. 

हरदोई के हरपालपुर में एक निजी कार्यक्रम में शुक्रवार को पहुंचे सपा प्रमुख ने पत्रकारों से बातचीत में विधान परिषद चुनावों में भाजपा की जीत पर कहा कि ''भाजपा बेईमानी कर ले और बेईमानी के लिए एक दूसरे को बधाई दे, यह कोई पहला चुनाव उत्तर प्रदेश नहीं देख रहा है, इससे पहले भी आपने चुनाव देखे हैं.''

उन्होंने पूर्व में हुए जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में भाजपा पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव जो हुए हैं, जो परिणाम आया है उसमें कुछ नहीं कहना है, भाजपा की सरकार है उसका काम करने का यही तरीका है. 

यादव ने कहा कि जो मतदान अपनी इच्छा से करना चाहेगा वह भी मत नहीं डाल पाएगा. 

उल्लेखनीय है कि शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से विधान परिषद की पांच सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे शुक्रवार को घोषित किए गए जिनमें से भाजपा ने चार सीटों पर जीत दर्ज की जबकि एक निर्दलीय के खाते में गई. सपा एक भी सीट नहीं जीत सकी. 

बसपा मुखिया मायावती द्वारा सपा पर अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने खुद सवाल उठाते हुए कहा ''ऐ मेरे पत्रकार साथी, भाजपा की होशियारी यहां भी समझ नहीं पाये आप.''

उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि ''भाजपा होशियार पार्टी है, वो जो जवाब नहीं देना चाहती है, कभी-कभी दूसरे दलों को आगे करती है.''

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मायावती ने शुक्रवार को सुबह ट्वीट कर कहा था, ‘‘देश में कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि नहीं बल्कि भारतीय संविधान है, जिसमें बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है. अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे.''

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आगे कहा कि ''जहां तक सवाल संविधान का है, हमने भी 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस को कहा कि हम समाजवादियों के लिए सबसे बड़ा धर्म कोई है तो हमारा संविधान है.''

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यादव ने कहा कि ''हम इस लोकतंत्र की पूजा करते हैं और संविधान हमें जो अधिकार देता है, वह अधिकार छीने जा रहे हैं. संविधान ने कहां कहा है कि भेदभाव करें आप, संविधान ने कहां कहा है कि धर्म को ऊंचा-नीचा दिखाएं आप.''

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ''हमारे बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी ने और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने जो आंदोलन चलाया, जो लड़ाई लड़ी क्या उसके तहत हमें अधिकार मिल रहे हैं.''

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सपा प्रमुख ने कहा कि ''भाजपा वही अधिकार छीन रही है और लोगों को अपमानित कर रही है. भाजपा के इशारे पर कई दल समय समय पर बाहर निकल कर आते हैं.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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