दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) के अध्यक्ष की नियुक्ति को मंजूरी देने से एलजी के इनकार को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति पर दो हफ्ते में कार्यवाही करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उप राज्यपाल सरकार का इस तरह अपमान नहीं कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा 239AA के फैसले में हमने यह साफ कहा है कि उप राज्यपाल (LG) को राज्य सरकार की सहायता और सलाह पर कार्य करना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, DERC में उस व्यक्ति को नियुक्त किया जा रहा है, जो मद्रास हाईकोर्ट से न्यायाधीश था, इसलिए ऐसे में मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सलाह ली जाएगी, किसी और हाईकोर्ट से क्यों सलाह ली जाएगी?
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार के विद्युत नियामक आयोग ( DERC) के अध्यक्ष की नियुक्ति में उप राज्यपाल द्वारा देरी करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली के उप राज्यपाल पर डीईआरसी के अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी करने का आरोप लगाया है.
दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि यह मुद्दा शीर्ष अदालत के हालिया फैसले से प्रभावित होता है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार का सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सभी सेवाओं पर नियंत्रण है. यह देरी एलजी की सोची समझी रणनीति है.
यह भी पढ़ें -
डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति को तत्काल मंजूरी दी जाए : मनीष सिसोदिया की LG को चिट्ठी