विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के निदेशक को केंद्र सरकार के द्वारा एक कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर एक वर्ष के लिए फिर से नियुक्त किया गया है. सरकार द्वारा यह कदम उनके सेवानिवृत्त होने से ठीक एक दिन पहले उठाया गया है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा मंगलवार को जारी एक आदेश के अनुसार, अरुण कुमार सिन्हा (1987 बैच के आईपीएस अधिकारी) को एक साल के लिए एसपीजी के निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यह नियमों के अनुसार किया गया है. एक IPS को केवल छह महीने के लिए एक्सटेंशन दिया जा सकता है और अगर किसी को इससे अधिक एक्सटेंशन देने की आवश्यकता है, तो SPG नियमों में संशोधन करने की आवश्यकता है. इसलिए इसे दरकिनार करने के लिए सिन्हा को फिर से नियुक्त किया गया है अनुबंध के आधार पर.
डीओपीटी के आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सिन्हा को उनकी सेवानिवृत्ति (31 मई) की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, अनुबंध के आधार पर फिर से नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है.इससे पहले पिछले हफ्ते, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एसपीजी के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया था, जो एसपीजी की सहायता के लिए राज्य सरकारों, सेना, स्थानीय और नागरिक प्राधिकरण द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को तैयार करने के लिए केंद्र को अधिकार प्रदान करता है.
नियम यह भी प्रदान करते हैं कि निदेशक के पद पर नियुक्त आईपीएस अधिकारी अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रैंक से कम नहीं होना चाहिए. नवीनतम निर्णय इस तथ्य की पृष्ठभूमि में महत्व रखता है कि कई मौकों पर SPG का नेतृत्व एक महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी और ADG रैंक के अधिकारी द्वारा तय किया जाता था क्योंकि कोई विशिष्ट नियम इससे पहले नहीं हुआ करता था.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में कई राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कई बार सेंध लगी है इसीलिए सरकार द्वारा नियमों में बदलाव किया गया है.
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