दुर्लभ प्रजाति के 955 कछुए छापेमारी में बरामद, 6 तस्कर को भी पुलिस ने दबोचा

कछुओं की विभिन्न प्रजातियों के 955 जीवित बच्चों को बरामद किया गया. बचाए गए गंगा के कछुओं की प्रजातियां इंडियन टेंट टर्टल, इंडियन फ्लैपशेल टर्टल, क्राउन रिवर टर्टल, ब्लैक स्पॉटेड/पॉन्ड टर्टल और ब्राउन रूफ्ड टर्टल हैं.

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नई दिल्ली: राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने नागपुर, भोपाल और चेन्नई में गंगा में रहने वाले विभिन्न प्रजातियों के कछुओं के 955 जीवित बच्चों के साथ 6 लोगों को पकड़ा है. डीआरआई के अधिकारियों ने देश में विभिन्न स्थानों पर अपराधियों को एक साथ पकड़ने और कछुओं को बचाने के लिए एक जटिल और अखिल भारतीय योजना तैयार किया है.

गंगा में रहने वाले कछुओं' जिनमें से कुछ को आईयूसीएन की रेड लिस्ट और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची के तहत खतरे में/ करीब संकटग्रस्त प्रजातियों के रूप में निर्दिष्ट किया गया है. साथ ही अवैध तस्करी और व्यापार में शामिल एक सिंडिकेट के बारे में डीआरआई (राजस्व आसूचना निदेशालय) के अधिकारियों द्वारा खुफिया जानकारी जुटाई गई थी. अवैध व्यापार इन प्रजातियों के लिए बड़ा खतरा है.

कछुओं की विभिन्न प्रजातियों के 955 जीवित बच्चों को बरामद किया गया. बचाए गए गंगा के कछुओं की प्रजातियां इंडियन टेंट टर्टल, इंडियन फ्लैपशेल टर्टल, क्राउन रिवर टर्टल, ब्लैक स्पॉटेड/पॉन्ड टर्टल और ब्राउन रूफ्ड टर्टल हैं. वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत प्रारंभिक जब्ती के बाद, अपराधियों और गंगा के कछुओं को आगे की जांच के लिए संबंधित वन विभागों को सौंप दिया गया.

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