देश भर में बेरोजगारी की हालत क्या है, इसका अंदाजा देश के पुलिसकर्मियों के ही खाली पदों से देखा जा सकता है. देश में पुलिसकर्मियों के 5.30 लाख से ज्यादा पोस्ट खाली हैं. जो कुल मंजूर पदों का 21 फीसदी हैं. गृह मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति के संज्ञान में यह जानकारी आई है. कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा इस संसदीय समिति के मुखिया हैं. जानकारी में कहा गया है कि देश में जनवरी 2020 तक पुलिसकर्मियों के 5.31 लाख पद खाली हैं, जबकि देश भर में पुलिसकर्मियों के कुल 26.23 लाख पद स्वीकृत हैं. यानी कुल पदों का 21 प्रतिशत खाली है. संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, देश में अपराध और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह आंकड़ा वांछनीय नहीं है. इन खाली पदों का सीधे तौर पर पुलिस की क्षमता और प्रदर्शन पर असर पड़ा है.
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पैनल का कहना है कि खाली पदों के कारण मौजूदा पुलिस स्टाफ को ज्यादा काम करना पड़ रहा है, ओवरटाइम करना पड़ता है. इससे वो ज्यादा वक्त तनाव में रहते हैं और खराब परिस्थितियों से गुजर रहे हैं. इससे पुलिस के प्रदर्शन के उन्हें अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन में भी असर पड़ा है. संसदीय समिति ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इन पदों को जल्द से भरने की सलाह दी है. साथ ही पुलिस पदों की भर्ती और परीक्षा की राह में अड़चनों को दूर करने को भी कहा है.
हालांकि संसदीय समिति ने ये भी पाया है कि डीजीपी, स्पेशल डीजी और एडिशनल डीजीपी स्तर के पदों पर जरूरत से ज्यादा लोग हैं. देश में डीजीपी और स्पेशल डीजी स्तर के 135 अधिकारी हैं, जबकि स्वीकृत पद 117 ही हैं. एडिशनल डीजीपी के 364 अधिकारी हैं, जबकि इस रैंक के लिए 310 स्वीकृत पद हैं. हालांकि किस राज्य में कितने पुलिस पद खाली हैं, इसको लेकर कोई राज्यवार जानकारी नहीं दी गई है.