अफ्रीका में हिरासत में लिए गए 16 भारतीय नाविक, केरल के CM ने रिहाई के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

इक्वेटोरियल गिनी में हिरासत में लिए गए केरल के तीन नाविकों सहित 16 भारतीय नाविकों की रिहाई को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है.

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अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में हिरासत में लिए गए भारतीय नाविक
तिरुवनंतपुरम/कोच्चि:

इक्वेटोरियल गिनी में हिरासत में लिए गए केरल के तीन नाविकों सहित 16 भारतीय नाविकों की रिहाई को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है.  प्रधान मंत्री को लिखे पत्र में, पिनाराई विजयन ने उनसे संबंधित देशों - इक्वेटोरियल गिनी और नाइजीरिया में भारतीय राजनयिक मिशनों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है. "नार्वेजियन पोत - एमटी हीरोइक इडुन - की तत्काल रिहाई की सुविधा के लिए सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करने और सुविधा प्रदान करने की मांग पत्र में की गयी है". गौरतलब है कि चालक दल को 12 अगस्त से हिरासत में लिया गया है."

अपने पत्र में, मुख्यमंत्री ने तर्क दिया कि जहाज को 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय जल में इक्वेटोरियल गिनी के नौसैनिक जहाज द्वारा गिरफ्तार किया गया था और रिपोर्टों के अनुसार, 16 भारतीयों सहित कुल 26 चालक दल को बंधकों के रूप में रखा जा रहा है. उन्होंने कहा, "16 नाविकों में तीन केरल के हैं. जहाज को गैरकानूनी तरीके से रोका गया है." विजयन ने यह भी दावा किया कि पोत किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल नहीं था, शिपिंग कंपनी नाविकों की शीघ्र रिहाई की सुविधा के लिए जुर्माना देने के लिए तैयार थी. उन्होंने अपने पत्र में कहा, "नाइजीरियाई अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद, शिपिंग कंपनी ने 28 सितंबर को आवश्यक जुर्माना अदा किया. दुर्भाग्य से, चालक दल और जहाज अभी भी इक्वेटोरियल गिनी में गिरफ्तार हैं."

उन्होंने आगे कहा कि नाविकों की रिहाई में "अप्रत्याशित देरी" चालक दल के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करेगी. उनके जीवन को भी इससे खतरा है. विजयन ने अपने पत्र में कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि संबंधित देशों में राजनयिक मिशनों को सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करने और पोत और उसके चालक दल के सदस्यों की तत्काल रिहाई की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दें."

बताते चलें कि हिरासत में लिए गए केरल के नाविकों, द्वारा अपने परिवारों को भेजे गए वीडियो और तस्वीरों के मद्देनजर संचार सोशल मीडिया के साथ-साथ समाचार चैनलों पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है.

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