'संतों से टकराने वाले का बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाता है', कबड्डी वीडियो पर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा

वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में प्रज्ञा को चिकित्सा के आधार पर जमानत मिली है तथा लंबे समय से वह व्हीलचेयर पर हैं.

'संतों से टकराने वाले का बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाता है', कबड्डी वीडियो पर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा

प्रज्ञा ठाकुर ने उनके कबड्डी खेलने का वीडियो बनाने वाले को ‘रावण’ कहा. (फाइल फोटो)

भोपाल:

भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उनके कबड्डी खेलने का वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को ‘‘रावण'' करार दिया और कहा कि संतों से टकराने वाले व्यक्ति का बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाता है. भाजपा नेता की इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर दानव राजा और बुराई का प्रतिनिधित्व करने वालों की विचारधारा का पालन करती हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने शनिवार को कहा, ‘‘ जो लोग रावण की विचारधारा का पालन करते हैं, उन्हें हर जगह राक्षस राजा दिखाई देता है. भोपाल की सांसद बुराई का प्रतिनिधित्व करने वालों की विचारधारा का पालन करती हैं.''

हाल में सोशल मीडिया पर प्रज्ञा ठाकुर का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह कथित तौर पर कबड्डी खेलते दिख रही हैं. शुक्रवार रात को भोपाल के सिंधी समुदाय बहुल उप नगर संत नगर में दशहरा कार्यक्रम के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, ‘‘परसों मैं आरती के लिए गई, वहां ग्राउंड में सामने खिलाड़ी थे. उन्होंने मुझे बुलाया, बोले दीदी एक बार आप राइड डाल दिजिए. मैं जब कबड्डी खेलने गई और वापस आई तो वो छोटा सा वीडियो में बन गया और (किसी ने) इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया.''

सांसद ने कहा, ‘‘यह आप लोगों के बीच का कोई रावण है. मेरा कोई बड़ा वाला दुश्मन है. निश्चित रूप से उसके संस्कार बिगड़ गए हैं और जिसके संस्कार बिगड़ गए हैं, मैं कहती हूं, अब सुधर जाओ, नहीं तो बुढ़ापा और आने वाला जन्म भी बिगड़ जाएगा क्योंकि राष्ट्रभक्त, क्रांतिकारी और ऊपर से संत, इनसे जब भी कोई टकराया है, तो न रावण बचा है, न कंस बचा, न ही वर्तमान के अधर्मी, विधर्मी बचेंगे.'' उन्होंने कहा कि उनकी तपस्या और ध्यान जनता के लिए है.

वीडियो में प्रज्ञा ठाकुर एक काली मंदिर परिसर में कथित तौर पर कबड्डी खेलती दिख रही हैं. इससे पहले एक वीडियो में वह गरबा नृत्य करते दिखी थीं. वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में प्रज्ञा को चिकित्सा के आधार पर जमानत मिली है तथा लंबे समय से वह व्हीलचेयर पर हैं. प्रज्ञा ठाकुर का बचाव करते हुए उन्की बड़ी बहन उपमा ठाकुर ने कहा कि उन्हें रीढ़ की हड्डी में समस्या है जो उन्हें कभी भी परेशानी दे सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘आप नहीं जानते कि किस क्षण यह प्रज्ञा के लिए समस्या पैदा कर सकता है. उसकी एल 4 और एल 5 (रीढ़ की हड्डी) विस्थापित होने से यह समस्या हुई है क्योंकि आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), महाराष्ट्र के जांचकर्ताओं ने प्रज्ञा को फर्श पर पटक दिया था.''

उपमा ठाकुर ने कहा, ‘‘जब भी प्रज्ञा को यह समस्या होती है तो उसके शरीर का निचला हिस्सा संवेदनशून्य हो जाता है... यह तब भी हो सकता है, जब वह बैठती है या किसी वाहन से उतरती है.'' कांग्रेस ने प्रज्ञा ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए दो-तीन दिन पहले कहा था कि उनके कई चेहरे हैं, कभी वह व्हीलचेयर पर दिखाई देती हैं तो कभी गरबा और कबड्डी खेलती हैं. मालेगांव विस्फोट में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी. मामले में 51 वर्षीय भाजपा सांसद जमानत पर हैं और उन्होंने अपनी शारीरिक स्थिति का हवाला देते हुए निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी. वह लगभग नौ साल तक जेल में रहीं और 2017 में उन्हें जमानत मिली.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)