पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. गोवा में हो रही एससीओ की इस बैठक के लिए रवाना होने से पहले बिलावल ने कहा कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने का उनका निर्णय एससीओ चार्टर के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
बिलावल ने आज सुबह एक वीडियो संदेश ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट किया- "गोवा में शंघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा. इस बैठक में शामिल होने का मेरा फैसला एससीओ के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यात्रा के दौरान, जो विशेष रूप से एससीओ पर केंद्रित है, मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा के लिए तत्पर हूं. ये एससीओ के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है."
34 वर्षीय बिलावल 2011 के बाद से भारत आने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं भारत इस बार एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है और उसने जनवरी में गोवा बैठक के लिए अपने सदस्यों को आमंत्रित किया था. एससीओ एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन है जिसमें आठ सदस्य देश शामिल हैं - भारत, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान. भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में संगठन में शामिल हुए.
सूत्रों के अनुसार, दो दिवसीय गोवा शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और बिलावल के बीच एक औपचारिक बैठक होने की संभावना नहीं है. जयशंकर ने हाल ही में पनामा सिटी में मीडिया से बातचीत के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से पड़ोसी देश की आलोचना की थी.
उन्होंने कहा था कि "हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है, जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है. हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित और प्रायोजित न करने की प्रतिबद्धता को पूरा करना है. उम्मीद है कि एक दिन हम उस मुकाम पर पहुंचेंगे."
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