2025 की सेहत से जुड़ी सबसे बड़ी खबरें, जिन्होंने सबको हिलाकर रख दिया

Year Ender: 2025 ने दिखा दिया कि स्वास्थ्य में सुधार केवल दवाओं या अस्पतालों की उपलब्धता से नहीं, बल्कि समाजिक जागरूकता, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, नीति-निर्माण और पर्सनल लाइफस्टाइल पर बदलाव से आता है.

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यहां 2025 की बड़ी और कभी-कभी चौंकाने वाली स्वास्थ्य से जुड़ी खबरें हैं.

Year Ender: साल 2025 हम सबके लिए सेहत और स्वास्थ्य के लिहाज से यादगार रहा, न सिर्फ नए शोध और रिपोर्ट्स की वजह से बल्कि कुछ उन चुनौतियों के कारण भी, जिन्‍होंने हमारी सोच और जरूरतों को नए सिरे से देखा है. इस लेख में हम 2025 की उन बड़ी और कभी-कभी चौंकाने वाली स्वास्थ्य से जुड़ी खबरों पर एक नजर डालेंगे, जिन्होंने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया कि सेहत केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है.

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स्लो हेल्थ प्रोग्रेस, बढ़ती बीमारियां

World Health Organization (WHO) की 2025 की रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 महामारी के असर अभी भी दिख रहे हैं. 2019–2021 के बीच, दुनियाभर में औसत आयु (life expectancy) में 1.8 साल की गिरावट आई. इससे पहले के सालों में मिली स्वास्थ्य-प्रगति खोने लगी है.
   
लंबे समय तक माना जाता था कि अस्थिर और कम-आय वाले देशों में मृत्यु दर लगातार घट रही है. पर 2025 में WHO ने चेतावनी दी कि मौतों, मातृत्व एवं बाल मृत्यु दर में अब पुनः तेजी आ सकती है, खासकर उन देशों में जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर हैं.   

भारत में बढ़ती लाइफस्टाइल-बीमारियां और नए इलाज

भारत में 2025 में यह खबर बड़ी चिंता लेकर आई कि लगभग 21 करोड़ से ज्यादा वयस्क (उम्र 30–79) हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) से प्रभावित हैं. यह आंकड़ा सरकार और हेल्थ एक्सपर्ट दोनों के लिए चेतावनी है.

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दूसरी ओर 2025 में हम देख रहे हैं कि स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं. उदाहरण के लिए Ayushman Bharat के अंतर्गत देशभर में स्वास्थ्य-सेवा केंद्र (हेल्थ वेलनेस सेंटर्स) बढ़ाए गए हैं, जिससे ग्रामीण तथा दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएँ बेहतर हुई हैं.

इसके अलावा, 2025 में यह भी सामने आया कि कई लोकप्रिय और मान्य “स्वास्थ्य-ट्रेंड्स” या “डाइट मिथक” (जैसे कैलोरी काउंटिंग, सुपरफूड्स आदि) वास्तव में हमारी सेहत के लिए उतने मददगार नहीं होते जितना हम सोचते थे। विशेषज्ञों ने चेताया कि हमें “फॉल्स हेल्थ फायदे” के बजाय संतुलित जीवनशैली और असली खाद्य-पोषण वाले सिद्धांतों पर भरोसा करना चाहिए.

नए खतरों की ओर बीमारी और प्रदूषण

2025 में यह भी सामने आया कि ग्लोबल फूड सिस्टम में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक रासायनिक पदार्थ जैसे PFAS, पेस्टिसाइड्स, प्लास्टिक सबस्टांस, हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़े खतरे हैं. इनका सम्बन्ध कैंसर, इम्यूनिटी की कमजोरी, रिप्रोडक्टिव प्रोब्लम्स, न्यूरो डेवलपमेंट रिस्क से है.

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सामूहिक संक्रमण समेत, जल-स्रोत और फूड सेफ्टी पर यह संकट एक गंभीर चुनौती बन गया है, जो सिर्फ आज की नहीं, आने वाली पीढ़ियों की सेहत पर असर डालेगा.

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क्यों 2025 स्वास्थ्य के लिए ‘मिक्स्ड' रहा, सीख और सवाल

2025 ने दिखा दिया कि स्वास्थ्य में सुधार केवल दवाओं या अस्पतालों की उपलब्धता से नहीं, बल्कि समाजिक जागरूकता, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, नीति-निर्माण और पर्सनल लाइफस्टाइल पर बदलाव से आता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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