World Arthritis Day 2021: क्या है अर्थराइटिस की बीमारी, क्यों और किसे होती है? इन लोगों को होता है सबसे ज्यादा खतरा

World Arthritis Day: बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और बढ़ता वजन अर्थराइटिस होने की प्रमुख वजहों में शामिल है. बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या आम बात हो जाती है और अगर आपका वजन बढ़ गया हो तो उम्र से पहले भी अर्थराइटिस आप को अपना शिकार बना सकती है.

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World Arthritis Day: इस दिन का मकसद लोगों को इस बीमारी से अवेयर करना है

World Arthritis Day 2021: जोड़ों की बीमारी को हम अर्थराइटिस कहते हैं. इसे आम भाषा में गठिया भी कहा जाता है. बढ़ती उम्र के साथ ये बीमारी शरीर को घेरने लगती है. कमजोर होती हड्डियां और बढ़ता वजन अर्थराइटिस होने की प्रमुख वजहों में शामिल है. बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या आम बात हो जाती है और अगर आपका वजन बढ़ गया हो तो उम्र से पहले भी अर्थराइटिस आप को अपना शिकार बना सकती है. हर साल 12 अक्टूबर को इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे ' मनाया जाता है. मकसद लोगों को इस बीमारी से अवेयर करना और इस बीमारी से बचाने की कोशिश करना है.

क्या होती है अर्थराइटिस की बीमारी | What Is Arthritis Disease

अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के पैरों, हाथों या अन्य जोड़ों में दर्द और सूजन रहती है. अर्थराइटिस को ज्यादातर लोग गठिया के नाम से भी जानते हैं. यह किसी भी इंसान के लिए तकलीफदेह बीमारी है क्योंकि इसमें असहनीय दर्द होता है और चलने फिरने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. अगर आपको रह-रहकर घुटनों में, एड़ियों में या फिर पैर की उंगलियों में दर्द होता है, तो ये अलर्ट होने का समय है. इससे ये समझना आसान है कि आप के ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है. आपके हाथ पैरों के जोड़ों में क्रिस्टल की तरह ये डिपॉज़िट हो जाता है और इसी को अर्थराइटिस या फिर गठिया कहते हैं.

किन कारणों से होता है गठिया | What Causes Gout

1. उम्र

ये एक ऐसी बीमारी है जो बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है. बढ़ती उम्र के साथ पैर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और अर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है. समय से अगर अर्थराइटिस का इलाज किया जाए तो दर्द से राहत मिल सकती है.

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2. मोटापा

मोटापा या बढ़ता वजन कई सारी बीमारियों की जड़ है. अर्थराइटिस की बीमारी उन लोगों को अपना शिकार ज्यादा बनाती है जिनका वजन ज्यादा होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक उम्र के मुताबिक किसी का BMI (body mass index)  ज्यादा हो तो घुटनों पर बुरा असर पड़ता है और जरूरत से ज्यादा वजन का बोझ शरीर पर पड़ने से अर्थराइटिस होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.

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3. फैमिली हिस्ट्री

कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जो हेरेडिटरी होती हैं. यानी अगर पेरेंट्स को वो बीमारी है तो बच्चों में होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. अर्थराइटिस भी उन्ही बीमारियों में से एक है जो अगर पेरेंट्स को हो तो बच्चों में होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. 

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4. चोट या इंफेक्शन

शरीर के किसी हिस्से में बार बार चोट लगना, किसी बीमारी का इन्फेक्शन होना या हार्मोन में गड़बड़ी होने से भी अर्थराइटिस हो सकता है.

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अर्थराइटिस का किसको है सबसे ज्यादा खतरा | Who Is Most At Risk Of Arthritis

अर्थराइटिस होने के कई कारण हैं लेकिन ये उन लोगों में ज्यादा है जिनकी लाइफस्टाइल अस्त वस्त होती है. जंक फूड खाने वाले लोगों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. इसके अलावा वो लोग जिनका वजन ज्यादा है और जो बिल्कुल एक्सरसाइज नहीं करते हैं उनमें भी अर्थराइटिस होने की संभावनाएं बढ़ जाती है. हाल ही में सामने आई एक रिसर्च से ये मालूम पड़ा है कि उम्रदराज लोगों में ही नहीं बल्कि अब कम उम्र के युवाओं में भी अर्थराइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

आर्थराइटिस से कैसे बचें? | How To Avoid Arthritis

अगर हमें किसी समस्या की जड़ पता हो तो उसका उपाय आसान हो जाता है. आर्थराइटिस की सबसे बड़ी वजह मोटापा है, इसलिए अगर इस बीमारी से बचना है तो वजन पर कंट्रोल करें. इसके अलावा डाइट में फैट और कार्बोहाइड्रेट की क्वांटिटी कम कर दें. शुरुआत में अगर पैर के जोड़ों में दर्द महसूस हो तो वॉक और एक्सरसाइज शुरू करें और दर्द अधिक बढ़ जाने पर समय रहते डॉक्टर से सलाह लें.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है

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