शहरों में रहने वाले बच्चों और युवाओं में हाइट ग्रोथ और मोटापे की समस्या ज्यादा : अध्ययन

हाल ही में जर्नल नेचर में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि 21वीं सदी में ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और किशोरों के लिए हाइट में तेजी से सुधार की वजह से शहरों में हाइट का यह लाभ ज्यादातर देशों में कम हो गया.

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शहर बेहतर एजुकेशन, न्यूट्रिशन, खेल और मनोरंजन के लिए बहुत सारे अवसर प्रदान कर सकते हैं.

बच्चों और किशोरों की हाइट और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में ग्लोबल एनालिसिस ट्रेंड के अनुसार, दुनिया भर में युवा लोगों की हेल्दी ग्रोथ के लिए शहरों में रहने के फायदे कम हो रहे हैं. शोध 1500 से अधिक शोधकर्ताओं और फिजिशियन्स के एक ग्लोबल एसोसिएशन 1990 से 2020 तक 200 देशों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 71 मिलियन बच्चों और किशोरों (5 से 19 वर्ष की आयु) से हाइट और वजन के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया.

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शहर बेहतर एजुकेशन, न्यूट्रिशन, खेल और मनोरंजन और हेल्थ केयर के लिए बहुत सारे अवसर प्रदान कर सकते हैं, जिसने शहरों में रहने वाले बच्चों और किशोरों को 20वीं शताब्दी में उनके रूरल काउंटरपार्ट्स की तुलना में कुछ धनी देशों में योगदान दिया. हाल ही में जर्नल नेचर में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि 21वीं सदी में ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और किशोरों के लिए हाइट में तेजी से सुधार की वजह से शहरों में हाइट का यह लाभ ज्यादातर देशों में कम हो गया.

हाइट और वेट पर रखी गई नजर:

शोधकर्ताओं ने बच्चों के बीएमआई का भी आकलन किया, जो इस बात का संकेतक है कि उनकी हाइट के लिए हेल्दी वेट है या नहीं. उन्होंने पाया कि 1990 में शहरों में रहने वाले बच्चों का औसत बीएमआई ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की तुलना में थोड़ा अधिक था. 2020 तक ज्यादातर देशों में बीएमआई औसत बढ़ गया, हालांकि अफ्रीका और दक्षिण एशिया को छोड़कर शहरी बच्चों के लिए तेजी से बढ़ा, जहां बीएमआई ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी.

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फिर भी 30 सालों में शहरी और ग्रामीण बीएमआई के बीच का अंतर वैश्विक लेवल पर 1.1 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर (किलो/वर्ग मीटर) से कम रहा, शोधकर्ताओं ने कहा.

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ग्रामीण क्षेत्र कर रहे हैं शहरों की बराबरी:

इंपीरियल कॉलेज लंदन के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अध्ययन के प्रमुख लेखक अनु मिश्रा ने कहा, "शहर बच्चों और किशोरों के लिए काफी स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना जारी रखते हैं."

मिश्रा ने कहा, "ज्यादातर क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र मॉर्डन हाइजीन और न्यूट्रिशन और हेल्थ केयर में सुधार के कारण शहरों की बराबरी कर रहे हैं." शोधकर्ता ने कहा कि इस बड़े वैश्विक अध्ययन के नतीजे पोषण और स्वास्थ्य के आसपास शहरों में रहने के नकारात्मक पहलुओं के बारे में आम धारणा को चुनौती देते हैं.

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शहरीकरण मोटापे की महामारी का मेन कारण?

प्रोफेसर माजिद इज्जती ने कहा, "इन देशों ने लेवल को ऊपर उठाने में काफी ग्रोथ की है. शहरीकरण मोटापे की महामारी का मेन कारण है. अध्ययन में पाया गया कि कई हाई इनकम वाले पश्चिमी देशों में समय के साथ हाइट और बीएमआई में बहुत कम अंतर था.

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इज्जती ने कहा, "मुद्दा इतना नहीं है कि बच्चे शहरों में रहते हैं या शहरी क्षेत्रों में, बल्कि यह है कि गरीब कहां रहते हैं और क्या सरकारें सप्लीमेंटल इनकम और फ्री स्कूल मील्स जैसी पहलों के साथ बढ़ती असमानताओं से निपट रही हैं."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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