उम्र बढ़ने के साथ इन 3 कारणों से लगते हैं बहुत बूढ़े और मोटे, मेटाबॉलिज्म से जुड़ी हैं सारी कड़ियां

Weight Loss: उम्र के साथ आपका मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है. 20 साल की आयु के बाद, जिस दर से हम भोजन पचाते हैं उसमें 10 प्रतिशत की गिरावट आती है.

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Metabolism Slows With Age: शिशुओं में एडल्ट्स की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा एनर्जी खर्च होती है.

Metabolism And Digestion Difference: किसी जीव के जीवित रहने के लिए जरूरी सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के संयोजन को मेटाबोलिज्म कहते हैं. ये भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करता है. फिर यह एनर्जी ब्लड सर्कुलेशन, सेल्स बनाने और मरम्मत करने, कोशिका बनाने, सांस लेना, अपशिष्ट को बाहर निकालना और भोजन को पचाना जैसे जरूरी काम में बदल जाती है. शोध के अनुसार, एक महीने से एक साल तक के शिशुओं में एडल्ट्स की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा एनर्जी खर्च होती है. हालांकि, उम्र के साथ आपका मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है. 20 साल की आयु के बाद, जिस दर से हम भोजन पचाते हैं उसमें 10 प्रतिशत की गिरावट आती है.

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इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में पोषण विशेषज्ञ लवनीत बत्रा ने तीन कारणों के बारे में बताया कि उम्र के साथ मेटाबोलिज्म क्यों कम होता है. एक नजर डालें:

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  1. जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी मसल्स अपने आप कम होने लगती हैं, जिससे आपकी कैलोरी बर्न होने की गति धीमी हो जाती है.
  2. आयु के साथ एक्टिविटी कम हो जाती है. कम एक्टिविटी का मतलब है धीमा मेटाबोलिज्म.
  3. हार्मोनल बदलाव, खासतौर पर महिलाओं में मेटाबोलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं.

लवनीत बत्रा के अनुसार, अगर आप उम्र के साथ मेटाबोलिज्म में कमी देखते हैं, तो आपको मसल्स बनाने, सक्रिय रहने और अपने शरीर को सही फ्यूल देने की जरूरत है.

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उनकी पोस्ट देखें:

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रेजिस्टेंस ट्रेनिंग: वेट लिफ्टिंग को अक्सर रेजिस्टेंस ट्रेनिंग के रूप में जाना जाता है. ये एक्सरसाइज मसल्स को रिजर्व करती है.

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नींद: नींद की कमी को मांसपेशियों के नुकसान और धीमे मेटाबॉलिज्म से जोड़ा गया है. हालांकि, इस प्रभाव को आपके शरीर की जरूरत के हिसाब से भरपूर नींद से उलटा जा सकता है.

प्रोटीन वाले फूड्स: प्रोटीन से भरपूर डाइट धीमे मेटाबॉलिज्म को रोकने में बड़ी भूमिका निभाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोटीन से भरपूर फूड्स खाने, पचाने और अवशोषित करने से आपका शरीर ज्यादा कैलोरी बर्न करता है. इस घटना को TEF या भोजन के थर्मिक प्रभाव के रूप में जाना जाता है.

ग्रीन टी: हम जानते हैं, इसका स्वाद आपको एक कप चाय बनाने से भी रोकता है. हालांकि, ग्रीन टी एक चमत्कारी औषधि है जो बहुत सारे लाभों के साथ आती है. चूंकि ग्रीन टी में प्लांट कंपाउंड और कैफीन होता है, इसलिए यह मेटाबॉलिज्म को 4 से 5 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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