टॉयलेट सीट से 40,000 गुना ज्यादा गंदी है वो रीयूजेबल बोतल, जिससे बार-बार पानी पी रहे हैं आप! रिसर्च में हुआ खुलासा...

एक शोध में रीयूजेबल पानी की बोतल के इस्तेमाल को लेकर चौकाने वाला खुलासा किया गया है. नए शोध में कहा गया है कि रीयूजेबल पानी की बोतल टॉयलेट सीट से ज्यादा गंदी होती है. इसमें 40 हजार गुना अधिक बैक्टीरिया होता है.

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आपकी पानी की बोतल टॉयलेट सीट से 40 हजार गुना गंदी, शोध में हुआ खुलासा 
नई दिल्ली:

Disadvantages of Bottled Water: ज्यादातर लोग पानी की बोतल को रीयूज यानी पुनः इस्तेमाल करते हैं. पानी की बोतल कभी पानी भरने या जूस भरने के काम में आती है. वहीं एक नए शोध में पानी की बोतल को लेकर चौकाने वाले खुलासे किए गए हैं, जिसके बाद शायद ही आप पानी की बोतल का पुन-इस्तेमाल (Reusable Water Bottle) कर सकेंगे. नए शोध में दावा किया गया है कि एक रीयूजेबल पानी की बोतल टॉयलेट सीट (Toilet Seat) से कहीं ज्यादा गंदी होती है. नए अध्ययन के मुताबिक रीयूजेबल बोतलों में टॉयलेट सीट की तुलना में लगभग 40,000 गुना अधिक बैक्टीरिया हो सकते हैं.

अमेरिका स्थित waterfilterguru.com के शोधकर्ताओं की एक टीम ने टोंटी, ढक्कन सहित पानी की बोतलों के विभिन्न हिस्सों की जब जांच की तो पाया कि इनपर अधिक मात्रा में बैक्टीरिया मौजूद हैं. HuffPost की रिपोर्ट के मुताबिक इस पर ग्राम निगेटिव रॉड्स और बैसिलस पाए गए. 

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ऑस्ट्रेलियाई कैथोलिक विश्वविद्यालय (Australian Catholic University) क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक और होर्डिंग डिसऑडर एक्सपर्ट, एसोसिएट प्रोफेसर केओंग याप ने कहा कि हमारे आसपास मौजूद रोज इस्तेमाल किए जाने वाले सामान भी हमें धोखा देते हैं. हम किसी बच्चे को भला पानी की बोतल का इस्तेमाल करने से कैसे रोक सकते हैं.

अपने अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने समझाया कि ग्राम-नकारात्मक जीवाणु संक्रमण का कारण बन सकते हैं जो एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी हैं. वहीं कुछ प्रकार के बेसिलस के परिणामस्वरूप जठरांत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने बोतलों की सफाई की तुलना घरेलू वस्तुओं से की और कहा कि उनमें रसोई के सिंक से दोगुने कीटाणु होते हैं. रीयूजेबल पानी की बोतल में कंप्यूटर माउस की मात्रा से चार गुना और एक पालतू जानवर के पीने के कटोरे से 14 गुना अधिक बैक्टीरिया हो सकता है.

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इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London) के मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ एंड्रयू एडवर्ड्स ने न्यूयॉर्क पोस्ट के हवाले से कहा, "मानव मुंह में बड़ी संख्या में विभिन्न बैक्टीरिया होते हैं. तो यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पीने के बर्तन में भी माइक्रोब्स होंगे.

यूनिवर्सिटी ऑफ़ रीडिंग के एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. साइमन क्लार्क ने कहा कि यह खतरनाक नहीं है. मैंने कभी किसी को पानी की बोतल से बीमार होने के बारे में नहीं सुना है. इसी तरह, नल स्पष्ट रूप से कोई समस्या नहीं है. आपने पिछली बार किसी नल से एक गिलास पानी डालने से किसी के बीमार होने के बारे में कब सुना था? हालांकि पानी की बोतलों के गंदी होने की संभावना है, क्योंकि  बैक्टीरिया पहले से ही लोगों के मुंह में होते हैं.

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अध्ययन के मुताबिक स्क्वीज़-टॉप बोतलें परीक्षण की गई तीन शैलियों में से सबसे साफ हैं, जिसमें स्क्रू-टॉप या स्ट्रॉ-फिटेड ढक्कन के साथ बैक्टीरिया की मात्रा का दसवां हिस्सा है. शोधकर्ताओं ने रीयूजेबल बोतल को दिन में कम से कम एक बार गर्म साबुन के पानी से धोने और सप्ताह में कम से कम एक बार साफ करने की सलाह दी.

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