जानिए क्या है रेस्टलेस लेग सिंड्रोम? इन विटामिन्स को डाइट में शामिल कर पा सकते हैं इससे राहत

Supplements for Restless Leg Syndrome: रेस्टलेस लेग सिंड्रोम या आरएलएस एक तंत्रिका तंत्र संबंधी परेशानी है, जो लगभग 10 में 1 व्यक्ति को कभी न कभी हो जाती है. लेकिन कुछ खास विटामिंस की सहायता से इस समस्या को दूर किया जा सकता है.

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रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षणों को कम करते हैं ये विटामिन्स.

Restless Leg Syndrome: जैसा कि इस बीमारी के नाम से ही हमे पता चल रहा है कि रेस्टलेस यानी बिना आराम के लगातार, ये एक ऐसी समस्या है जो आज के समय में आम हो गई है. जब किसी व्यक्ति को रेस्टलेस लेग सिंड्रोम होता है तो उसे अपने पैर में जलन या झनझनाहट महसूस होती है और जब वो अपने पैर हिलाने लगता है तो उसे आराम मिलता है. ये समस्या इंसान को सोते समय ज्यादा होती है और ऐसी स्थिति में वह लगातार या तो अपने पैर हिलाना शुरू कर देता है या फिर उठ कर चलने लगता है. जिसके कारण उसकी नींद पूरी नहीं हो पाती. हालांकि इस समस्या से परमानेंट निजात नहीं पाया जा सकता, लेकिन इसे कंट्रोल करने के लिए कुछ विटामिंस हैं जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं उन विटामिंस के बारे में जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं.

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लिए आप कौन से विटामिन ले सकते हैं? (Vitamins Good For Restless Leg Syndrome)

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1. विटामिन बी

कुछ जरूरी विटामिन सप्लीमेंट रेस्टलेस लेग सिंड्रोम या आरएलएस के लक्षण को कम करने में सहायक हो सकते हैं. इसमें सबसे पहले नंबर पर विटामिन बी आता है. विटामिन बी की कमी इस स्थिति को ट्रिगर कर सकती है. इसमे सबसे खास विटामिन बी6 और बी12 हैं. इसके लिए आप या तो सप्लीमेंट ले सकते हैं ऐसे खा्दय पदार्थ जिनमें विटामिन बी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है.

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2. विटामिन सी

दूसरा नंबर पर आता है विटामिन सी है. जिन लोगों को किडनी की पुरानी समस्या है, उनमें आरएलएस होने का खतरा अधिक होता है. इसलिए, विटामिन सी लेने से उन्हें मदद मिल सकती है. यह शरीर की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाने में मदद कर सकता है.

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3. विटामिन डी

विटामिन डी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षणों को कंट्रोल करने में भी मदद कर सकता है. विटामिन डी की कमी से डोपामाइन डिसफंक्शन हो सकता है, जो आरएलएस को ट्रिगर कर सकता है. इसलिए नियमित रूप से एक निर्धारित खुराक लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकती है.

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4. विटामिन ई

विटामिन ई क्रोनिक किडनी रोग वाले लोगों के लिए भी एक खास सप्लीमेंट है. गुर्दे की बीमारी आरएलएस को ट्रिगर कर सकती है, लेकिन अगर आप विटामिन ई और विटामिन सी एक साथ लेते हैं, तो इसे आप काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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