दांतों- मसूड़ों से पस या मवाद आए तो क्या करें? मुंह की सूजन से कैसे पाएं छुटकारा, क्या है इलाज

दांतों के नीचे से खून रिसने, मसूड़ों से पस या मवाद निकलने या मुंह के सूजन के बाद तो पीड़ित और उसके परिवार वाले कई बार तक कैंसर तक की आशंका से घबरा जाते हैं. यह दिक्कत बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक आम होता जा रहा है.

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दांतों-मसूड़ों से मवाद और मुंह में सूजन का इलाज क्या है.

Dental abscess Reasons and Treatment:  आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत को लेकर लोग ज्यादा ही परेशान रहने लगे हैं. खासकर मुंह की दिक्कतों के बारे में लोग पता नहीं क्या-क्या सोचने लगते हैं. दांतों के नीचे से खून रिसने, मसूड़ों से पस या मवाद निकलने या मुंह के सूजन के बाद तो पीड़ित और उसके परिवार वाले कई बार तक कैंसर तक की आशंका से घबरा जाते हैं. यह दिक्कत बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक आम होता जा रहा है. कहते हैं कि किसी भी समस्या के समाधान की शुरुआत उसके बारे में ठीक से जानने से होती है. तो आइए जानते हैं कि खुद को, परिवार में, रिश्तेदार या दोस्तों में किसी को भी ऐसी हालत में पाएं तो कैसे डर को दूर भगाएं. दांतों-मसूड़ों से पस या मवाद आए तो क्या करें और मुंह के सूजन से कैसे छुटकारा पाएं. 

दांतों-मसूड़ों से मवाद और मुंह में सूजन की वजह | Tooth Abscess: Symptoms, Causes & Treatments

दांतों-मसूड़ों के नीचे से मवाद आने और मुंह में सूजन होने की सबसे पहली वजह इंफेक्शन है. दांतों के खराब होने से इसकी शुरुआत होती है. पहले तो दांतों के बाहरी स्ट्रॉन्ग सतह यानि इनेमल पर सड़न होने से लोग इसे ज्यादातर नजरअंदाज कर देते हैं. बाद में कैविटी के जरिए नीचे तक बढ़कर यह इंफेक्शन बहुत परेशान करता है.

सिर्फ ब्रश से दांत क्यों पूरी तरह साफ नहीं हो पाता

टाइम रहते डेंटिस्ट के पास जाकर मशीन से इसे साफ करना लेना चाहिए. क्योंकि महज घरेलू ब्रश के जरिए यह पूरी तरह साफ नहीं हो पाता. दांतों का इंफेक्शन जब बढ़ते हुए नीचे नसों तक पहुंच जाता है तो लोग पेन किलर खाने लगते हैं. इससे दर्द भले कम हो जाए, लेकिन इंफेक्शन खत्म नहीं होता और दांतों-मसूड़ों के नीचे से खून या मवाद आने के साथ ही मुंह में सूजन बढ़ जाता है.

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दांतों-मसूड़ों से मवाद और मुंह में सूजन का इलाज क्या है

डेंटिस्ट दांतों- मसूड़ों से मवाद और मुंह में सूजन का इलाज करने के लिए सबसे पहले रूट कैनाल ट्रीटमेंट का सहारा लेते है. इसके जरिए दांतों से कैविटी को पूरी तरह साफ किया जाता है. इसके बाद गड्ढ़ों या खाली जगह की फीलिंग की जाती है. इंफेक्शन को दूर करने के लिए पेशेंट को कुछ दिनों के लिए एंटीबायोटिक्स भी दिया जाता है. आमतौर पर इससे मरीज को राहत मिल जाती है.

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कब और क्यों होती है दांतों को बाहर निकालने की जरूरत

वहीं, इंफेक्शन और सड़न अधिक होने पर डेंटिस्ट पहले दवाओं के जरिए सूजन कम कर करते हैं, फिर खराब दांत को बाहर निकाल देते हैं. कई बार दवाओं से मुंह का सूजन कम नहीं होता तो डेंटिस्ट को सलाइन के जरिए दांतों के अंदर तक एंटीबायोटिक्स पहुंचानी होती है. वैसे आजकल दांतों को रिप्लेस करने की सुविधा भी उपलब्ध है. इसलिए लोगों को डरने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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