Effect of Weather on your Eyes: अपना देश तो बदलते मौसम के मामले में दुनिया के सबसे सुंदर देशों में अव्वल है. हमें हर साल कभी कंपकपाती सर्दी, कभी मूसलाधार बारिश (Rainy season) और आंधी-तूफान तो कभी भीषण गर्मी (Extreme Heat) का सामना करना ही पड़ता है. बदलते मौसम के बीच घर से बाहर समय बिताना आपके शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन इसका आपकी आंखों पर उलटा (Eye Health) असर भी हो सकता है. दरअसल, सूरज की रोशनी से लेकर तूफानी बादलों तक मौसम की कई तरह की बदलती स्थितियां आपकी आंखों की रोशनी (Ankho ki roshni) को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखती हैं.
आइए, हम एक्सपर्ट से जानते हैं कि मौसम आपकी देखने की क्षमता को कैसे प्रभावित कर सकता है और आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आप क्या कर सकते हैं.
मौसम का हमारी आंखों पर असर (Effect of weather on your eyes)
तेज धूप में कैसे रखें आंखों का ख्याल
सूर्य की रोशनी इलेक्ट्रोमैग्नेट और अल्ट्रावायलेट विकिरण दोनों से मिलकर बना है. इनमें से सबसे खतरनाक पराबैंगनी (यूवी) विकिरण है. आमतौर पर यूवी किरणें दो प्रकार की होती हैं. ये यूवी-ए और यूवी-बी हैं. यूवी-ए में आपके आंखों के फोकस को नुकसान पहुंचाने और मैक्युला ( आपकी आंख के पीछे रेटिना का हिस्सा) को ख़राब करने की क्षमता होती है. दूसरी ओर, यूवी-बी से आपकी आंख के सामने, जहां लेंस और कॉर्निया होते हैं वहां नुकसान होने की अधिक आशंका है. यूवी-बी किरणें बहुत हानिकारक हो सकती हैं और मैक्यूलर डिजनरेशन, कॉर्नियल सनबर्न और मोतियाबिंद का कारण बन सकती हैं.
स्नो ब्लाइंडनेस, कैसे रखें आंखों का ख्याल
गर्मी के दिनों में यूवी किरणें चिंता की बड़ी वजह हैं, लेकिन सर्दियों के दौरान भी यूवी विकिरण का संपर्क हो सकता है. बर्फ वाली जगहों पर सूरज से रिफ्लेक्ट होने वाले विकिरण से तेज दर्द हो सकता है. इसे "स्नो ब्लाइंडनेस" कहा जाता है. कोई भी मौसम हो, धूप निकलने पर अपनी आंखों की सेहत के बारे में सावधान रहना हमेशा जरूरी होता है. जब आप बाहर हों तो सीधी धूप से बचने के लिए आप धूप का चश्मा, चश्मा या टोपी पहन सकते हैं. वहीं, सनबर्न से होने वाली जलन को कम करने के लिए अपने चेहरे पर सनस्क्रीन लगाते वक्त सावधान रहें कि यह आपकी आंखों में न जाए.
गर्म हवाओं के बीच कैसे रखें आंखों का ख्याल
गर्म और सूखा मौसम भी आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है. यह ठंडी जलवायु में विशेष रूप से सच है, जहां भारी और शुष्क हवा गंभीर असुविधा पैदा कर सकती हैं. ऐसे मौसम में, अक्सर आपकी आंखें नमी खो देती हैं, जिसका मतलब है कि उन्हें चिकना रखना और जलन पैदा करने वाले पदार्थों को धोना अधिक कठिन होता है. इससे आपकी आंखों में खुजली और संक्रमण होने की आशंका हो सकती है.
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कॉन्टैक्ट लेंस वालों को ज्यादा दिक्कत
शुष्क मौसम उन लोगों के लिए खास तौर पर मुश्किल होता है जो कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं या जिनकी आंखें लगातार सूखी रहती हैं. इससे बचने के लिए सबसे पहले, आपको पूरे दिन समय-समय पर लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का उपयोग करके अपनी आंखों को हाइड्रेट करना चाहिए. आप ढेर सारा तरल पदार्थ पीकर भी अपने शरीर को हाइड्रेटेड रख सकते हैं.
आंधी और तूफान के मौसम में कैसे रखें आंखों का ख्याल
आंधी और तूफान के दौरान जमीन से धूल के कण ऊपर उछलते हैं और आसानी से आपकी आंखों में जा सकते हैं. इससे आपको एलर्जी और इंफेक्शन हो सकता है या कॉर्निया में खरोंच आ सकती है. इसके अलावा, तूफ़ान के साथ चलने वाली हवा आपकी आंखों को ड्राई कर सकती है. तूफान से आंखों पर बुरे असर से बचने के लिए खराब मौसम के दौरान घर के अंदर ही रहना सबसे अच्छा है. बाहर जाने पर अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए चश्मा या शेड्स जैसे आईवियर जरूर पहनना चाहिए.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)