Symptoms of heart attack; आजकल हार्ट अटैक (Heart attack) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. तेजी से बिगड़ती लाइफ स्टाइल से लेकर पॉल्यूशन तक इसका कारण हैं. आए दिन हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौत की खबर मीडिया में छाई रहती हैं. यहां तक कि कभी बुजुर्गों की बीमारी माने जाने वाली दिल इस बीमारी के जद में अब युवा भी आ चुके हैं. हार्ट अटैक के कारण मरीज की मौत इतनी जल्दी होती है कि कई बार उन्हें मेडिकल हेल्प भी नहीं मिल पाती है. हालांकि हार्ट अटैक के कुछ समय पहले से बॉडी को कुछ न कुछ संकेत (Symptoms of heart attack) मिलने लगते हैं. इन संकेतों को समय से पहचान कर लेने से मरीजों की जान बचाने में मदद मिल सकती है. आइए पद्म भूषण कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. टीएस क्लेर (Cardiologist) से जानते हैं कि किन संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए और कब लेनी चाहिए डॉक्टर की मदद.
इस तरह दिखते हैं हार्ट अटैक के लक्षण
चेस्ट पेन
हार्ट अटैक का सामान्य लक्षण है छाती में दर्द होना. यह दर्द छाती, छाती के बाएं तरफ, बाएं तरफ की बाह और जबड़ों में महसूस हो सकता है. कभी-कभी यह दर्द तेज होता है पर कई मामलों से यह दर्द बहुत हल्के से मध्यम स्तर का हो सकता है.
कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पहले दर्द का अनुभव कम होता है और सांस लेने में परेशानी का अनुभव होता है. खासकर डायबिटीज के मरीजों को दर्द का अनुभव नहीं होता है. उनके नर्व नम पड़ चुके होते हैं इसलिए उन्हें दर्द अनुभव नहीं होता है.
बेहोशी
आर्ट अटैक के संकेत में बेहोशी भी शामिल है. कुछ मामलों मे सांस लेने मे परेशानी और बॉडी में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज बेहोश हो जाता है.
कब लें डॉक्टर की मदद
चेस्ट पेन, बाहों में पेन या जबड़ों में पेन अनुभव होने या सांस लेने में कठिनाई होने की स्थिति अगर बीस मिनट से ज्यादा रहे तो तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए. ऐसी स्थिति में पास के किसी अस्पताल में जाकर ईसीजी करवाई जा सकती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)