आज की खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोगों में कब्ज (Constipation) और ब्लोटिंग (Bloating) की समस्या काफी देखने को मिलती है. खासकर उन लोगों में जो रेगुलर एक्सरसाइज नहीं करते हैं और पानी कम पीते हैं. कब्ज और ब्लोटिंग, डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हैं और दोनों ही खराब डाइट की वजह से हो सकती हैं. क्या आपको भी कब्ज की शिकायत रहती है और इनका इलाज खोज रहे हैं. इन समस्याओं का इलाज जानने के लिए NDTV ने फरीदाबाद, AIMS में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डायरेक्टर और HOD डॉ. अमित मिगलानी (Dr. Amit Miglani) से की बात, चलिए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा.
कब्ज से राहत के नुस्खे (Tips to relieve constipation)
डॉ. अमित मिगलानी ने कहा IBS (Irritable Bowel Syndrome) एक तरह का डाइजेस्टिव सिस्टम डिसऑर्डर है इसके कई टाइप्स होते हैं. अगर हम IBS कॉन्स्टिपेशन की बात करें तो हम मरीज को सलाह देते हैं कि रात में ईसबगोल की भूसी का इस्तेमाल करें जो आयुर्वेदिक है. कीवी फ्रूट भी ऐसे में फायदा करता है क्योंकि इसमें फाइबर ज्यादा होता है. कॉन्स्टिपेशन की जिन्हें शिकायत रहती है, उन्हें फ्रूट और सलाद ज्यादा खानी चाहिए. सौंफ का पानी भी काफी फायदा करता है. सौंफ को रात में पानी में भिगो दीजिए और सुबह वो पानी पीजिए, इससे कब्ज में काफी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भुने हुए अलसी के बीज जिसे फ्लेक्स सीड भी कहते दो चम्मच लेने से फायदा होगा या चिया सीड्स भी ले सकते हैं. ये सीड्स आजकल काफी सारे डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर आसानी से मिल जाते हैं. इन तरीकों से कॉन्स्टिपेशन की समस्या को दूर करने में काफी मदद मिल सकती है.
ये भी पढ़ें- World IBS Day 2025: क्या है इरिटेबल बाउल सिंड्रोम ? जानें इसके लक्षण और उपचार
ब्लोटिंग की समस्या है तो अपनाएं ये उपाय (Tips to relieve bloating)
डॉ अमित मिगलानी ने कहा ब्लोटिंग (bloating) का मतलब है कि पेट में गैस प्रोडक्शन ज्यादा है. काफी मरीज लैक्टोज इनटॉलरेंट (Lactose intolerant) होते हैं. लैक्टोज इनटॉलरेंस (Lactose Intolerance) एक ऐसी कंडीशन है जिसमें शरीर दूध में मौजूद एक तरह की चीनी, लैक्टोज को ठीक से पचा नहीं पाता है. ऐसे लोगों को हम दूध, राजमा, चने, गोभी, अरबी जैसी चीजों को अवॉइड करने के लिए कहते हैं.
डॉ ने कहा कि हम IBS पेशेंट्स को उन सभी खाने की चीजों के बारे में बताते हैं जिनसे उन्हें दिक्कत हो सकती है. लेकिन हम साथ ही ये भी कहते हैं कि आप अपने हिसाब से देखिए क्योंकि हो सकता है कि कोई फूड आपके लिए अच्छा काम करे लेकिन मेरे लिए नहीं. क्योंकि बॉडी टू बॉडी रिस्पांस अलग-अलग हो सकता है.
उन्होंने बताया कि कभी-कभी पेशेंट इतनी सारी खाने की चीजों को लिस्ट से हटा देता है कि उसके लिए खाने के लिए कुछ खास बचता ही नहीं है और इस वजह से उनमें न्यूट्रिशन की कमी हो जाती है. इसलिए हम उन्हें समझाते हैं कि आपको दूध से दिक्कत है तो आप दही ले सकते हैं. दही बहुत अच्छा प्रोबायोटिक है. इस तरह हम उन्हें ऑल्टरनेटिव भी देते हैं
अब जैसे अगर किसी मरीज को जॉइंट पेन है तो दही से उनकी समस्या बढ सकती है. ऐसे में हमें उनको अल्टरनेटिव बताना पड़ता है. जैसे कि वो लैक्टोज फ्री मिल्क ले सकते हैं- बादाम मिल्क या फिर सोया मिल्क. ये सभी लैक्टोज फ्री मिल्क हैं.
Male Infertility क्या है? पुरुष बांझपन के लक्षण, कारण और इलाज, जानें सब कुछ | Read
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)