प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य एंटीसीजर दवा लेने से नुकसान नहीं, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने स्टडी पाया

दवाइयों के इस्तेमाल से ज्यादा महिलाओं को सामान्य जीवन जीने में मदद मिलती है, लेकिन कुछ मामलों में वे भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Antiseizure Medications In Pregnancy: कुछ मामलों में वे भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने एंटी सीजर दवाओं लैमोट्रीजीन और लेवेतिरेसेटम को गर्भावस्था के दौरान उपयोग के लिए सुरक्षित माना है. मिर्गी के दौरान शरीर में अकड़न, कांपना, बेहोशी, बोलने में कठिनाई और अनैच्छिक मूत्र की समस्या पैदा होती है. हालांकि, दवाइयों के इस्तेमाल से ज्यादा महिलाओं को सामान्य जीवन जीने में मदद मिलती है, लेकिन कुछ मामलों में वे भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकती हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने उन महिलाओं के बच्चों पर शोध किया है जिन्होंने मिर्गी के लिए एक या दो दवा का सेवन गर्भावस्था के दौरान किया.

यह भी पढ़ें: दुबलेपन से हैं परेशान, तो सर्दियों में खाना शुरू करें ये 3 चीजें, अपने आप चढ़ने लगेगा शरीर पर मांस, कमजोरी होगी दूर

एंटीसीजर दवाओं का सुरक्षित विकल्प:

शोधकर्ताओं ने मिर्गी से पीड़ित महिलाओं के 298 बच्चों और हेल्दी महिलाओं के 89 बच्चों के बीच शोध किया. जेएएमए न्यूरोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, लैमोट्रीजीन और लेवेतिरेसेटम, वैल्प्रोएट जैसी पुरानी एंटीसीजर दवाओं का सुरक्षित विकल्प है. जो बच्चों में ऑटिज्म और कम आईक्यू के जोखिम को बढ़ाने के साथ-साथ अन्य कॉग्नेटिव एबिलिटी को नुकसान पहुंचाने के लिए जानी जाती हैं.

अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया है कि 6 साल के उन बच्चों में बोलने की क्षमता सामान्य थी जिनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान एक या दोनों एंटी सीजर दवाओं का सेवन किया था.

लेखकों ने क्या कहा?

न्यूरोलॉजी और न्यूरोलॉजिकल विज्ञान के प्रोफेसर और प्रमुख लेखक किमफोर्ड मीडोर ने कहा है कि लैमोट्रीजीन और लेवेतिरेसेटम के परिणाम बहुत अच्छे दिख रहे हैं. मेडोर ने कहा कि इन दवाओं को लेने के बाद मिर्गी से पीड़ित महिलाओं के बच्चों और हेल्दी महिलाओं के बच्चों के परिणामों में कोई अंतर नहीं देखा गया है जो बहुत उत्साहजनक है.

यह भी पढ़ें: एक महीने तक रोज कद्दू के बीज खाने से क्या होता है? चमत्कारिक फायदे जान आप भी आज से ही करने लगेंगे सेवन

Advertisement

गर्भावस्था के दौरान जितना संभव हो सके दौरे को रोकना जरूरी है, क्योंकि दौरे से मां और भ्रूण दोनों को नुकसान हो सकता है. न्यूरोलॉजिस्ट और प्रसूति विशेषज्ञों की निगरानी में मिर्गी से पीड़ित महिलाओं की देखभाल की जाती है, क्योंकि यह गर्भावस्था के दौरान रोग को मैनेज करने में एक्सपर्ट होते हैं.

मीडोर ने कहा है कि सही देखभाल के साथ मिर्गी से पीड़ित 90 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं की गर्भावस्था सामान्य होगी और उनके बच्चे भी सामान्य होंगे.

Advertisement

Yoga For Concentration: बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने वाले 5 बेहतरीन योग | Watch Video

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
South Korea के राष्ट्रपति ने 6 घंटे में ही वापस ले लिया मार्शल लॉ का फैसला | NDTV Duniya