Hormonal Changes Symptoms: महिलाओं को शरीर में हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखना जरूरी होता है. अगर आप इन दिनों हमेशा एनर्जी की कमी, वजन में उतार चढ़ाव, मूड स्विंग और नींद नहीं आने से परेशान हैं तो यह हार्मोनल इंबैलेंस (Hormonal imbalance) के लक्षण हो सकते हैं. महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी हार्मोनल असंतुलन से गुजरती हैं. यह जीवन के जरूरी स्टेज जैसे प्यूबर्टी, मेंस्ट्रुएशन, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज के दौरान हो सकता है. कुछ महिलाएं लगातार हार्मोनल इंबैलेंस का सामना करती हैं. आइए जानते हैं हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण और कैसे इसे कर सकते हैं ठीक.
महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण (Hormonal Imbalance Symptoms In Women)
1. मेंस्ट्रुएशन पैटर्न (Menstrual patterns)
अनियमित पीरियड, बहुत हैवी या बहुत कम ब्लीडिंग और गंभीर प्री मेंस्ट्रुएशन सिंड्रोम हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण के रूप में सामने आ सकते हैं.
2. मूड स्विंग्स (Mood swings)
मूड में अचानक और जल्दी जल्दी बदलाव, बढ़ता चिड़चिड़ापन, चिंता, एंग्जायटी और डिप्रेशन हार्मोनल परिवर्तन से जुड़ी हो सकती हैं.
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3. स्किन की समस्याएं (Skin troubles)
अचानक एक्ने ब्रेकआउट्स या पिंपल आना, स्किन के टेक्सचर में बदलाव भी हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण के रूप में सामने आ सकते हैं.
4. थकान (Fatigue)
अगर आप हमेशा थकान और बर्नआउट फील कर रही हों तो ये भी हार्मोनल इंबैलेंस खासकर थायराइड का लक्षण हो सकता है.
5. वजन में बदलाव (Weight changes)
अगर जिम में तमाम कोशिशों और लगातार डाइटिंग के बावजूद आप वजन घटा नहीं पा रही हैं, तो यह हार्मोन असंतुलन, विशेष रूप से इंसुलिन से जुड़ा असंतुलन इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है.
6. हॉट फ्लैशेस (Hot flashes)
अचानक चेहरे और गर्दन के आसपास गर्मी का अनुभव हॉट फ्लैशेस होते हैं. मेनोपॉज के दौरान यह लक्षण महिलाओं में सबसे ज्यादा दिखाई देता है.
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7. नींद में परेशानी (Sleep disturbances)
हार्मोनल इंबैलेंस के कारण स्लीप पैटर्न में बदलाव के कारण नींद नहीं आने की परेशानी होने लगती है. इसमें आधी रात में अचानक नींद उचट जाने की भी समस्या हो सकती है.
8. बालों की समस्या (Hair problems)
अचानक बालों का तेजी से झड़ना भी हार्मोनल इंबैलेंस का लक्षण है. ऐसा एण्ड्रोजन और थायराइड हार्मोन के सिर की त्वचा पर खराब असर डालने के कारण होता है.
9. पाचन संबंधी परेशानी (Digestive issues)
हार्मोनल उतार-चढ़ाव पाचन से संबंधित समस्याएं जैसे पेट फूलना या कब्ज हो सकता है.
हार्मोनल इंबैलेंस को कैसे कर सकते हैं ठीक (How to fix hormonal imbalance)
1. लाइफस्टाइल में बदलाव (Change your lifestyle)
लाइफ स्टाइल बदलाव जैसे बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और तनाव दूर करने वाली तकनीकें अपनाने से मदद मिल सकती है.
2. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone Replacement Therapy)
गंभीर स्थिति जैसे मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) की सिफारिश की जाती है.
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3. दवाएं (Medicines)
ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव या इंसुलिन-सेंसिटाइज़िंग जैसी दवाएं पीसीओएस जैसे हार्मोनल इंबैलेंस के लिए काम कर सकती हैं.
4. सप्लीमेंट और अन्य उपाय (Supplements and remedies)
हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षणों को कम करने के लिए हर्बल सप्लीमेंट, एक्यूपंक्चर और डाइट एडजस्टमेंट जैसे प्राकृतिक उपचार करवाया जा सकता है. हालांकि इसके पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए.
5. सर्जरी (Surgical procedures)
हार्मोनल इंबैलेंस होने पर गंभीर स्थिति में ओवेरियन सिस्ट हटाने या थायरॉयड सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)